वर्ल्ड हॉलोकास्ट फोरम में शामिल होने और ऑस्त्विज़ शिविर से मुक्ति की 75वीं सालगिरह को याद करने के लिए गुरुवार को दुनिया के 47 देशों के विश्व नेता यरुशलम में एकत्र हुए। इस मौके पर भारत ने इजराइल के साथ एकजुटता प्रकट की।
इजराइल स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत ऑस्त्विज़ से आजादी की 75वीं सालगिरह पर इजराइल के साथ एकजुटता प्रकट करता हैं। हम नवानगर के महाराज जाम साहेब को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलैंड के यहूदी बच्चों की जान बचाई थी।’’
नयी दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास के प्रवक्ता अवीगैल स्पीरा ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए रेखांकित किया कि भारत में यहूदी विरोधी भावना नहीं रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत एकमात्र स्थान है जहां पर यहूदियों को यहूदी विरोधी भावना या उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा। यह वह देश है जिसने हॉलोकास्ट से बचे यहूदियों को सुरक्षित पनाहगाह दी।’’
उल्लेखनीय है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलैंड से करीब एक हजार बच्चे नवानगर (अब जामनगर) आए थे। उस समय महाराज जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी जडेजा शासन कर रहे थे।
महाराज ने न केवल इन बच्चों के लिए बालाचडी के सैनिक स्कूल में चार साल तक रहने की व्यवस्था की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी परवरिश पोलैंड की संस्कृति, परंपरा और शैक्षणिक माहौल में हो।
वर्ल्ड हॉलोकास्ट फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस, अमेरिकी निम्न सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी, ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रो सहित कई नेता मौजूद रहे।