यमन के निर्वासित राष्ट्रपति आबेद रब्बो मंसूर हादी ने देश में लंबे वक्त से जारी गृह युद्ध को समाप्त कराने के अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय प्रयासों के बीच बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति की शक्तियां राष्ट्रपति परिषद को सौंप दीं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति हादी के इस फैसले के पीछे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का हाथ है। दोनों ही देशों ने बिना देर किए राष्ट्रपति के इस फैसले का स्वागत किया और यमन को तीन अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की । नई परिषद के प्रमुख के रियाद से गहरे ताल्लुक हैं।
इस घोषणा के साथ ही राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद का गठन होगा
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने हादी के इस फैसले पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।सरकारी मीडिया में जारी एक बयान के अनुसार हादी ने कहा कि नव स्थापित परिषद अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार चलाएगी और ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों से बातचीत का नेतृत्व करेगी।हादी ने कहा,‘‘ इस घोषणा के साथ ही राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद का गठन होगा , ताकि परिवर्तन-काल के कार्यों को पूरा किया जा सके। मैं अपनी शक्तियां राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद को हस्तांतरित करता हूं।’’
इस्तीफा राष्ट्रपति परिषद को सौपा गया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हादी ने उपराष्ट्रपति अली मोहसेन अल-अहमार को भी बर्खास्त कर दिया और उनकी शक्तियों को भी राष्ट्रपति परिषद को सौंप दिया। राष्ट्रपति परिषद के अध्यक्ष हादी के सलाहकार रहे राशद अल-अलीमी हैं।अल-अलीमी के सऊदी अरब के साथ और यमन के अन्य राजनीतिक समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसमें इस्लाह पार्टी भी शामिल है।