रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच जारी भीषण युद्ध का आज 17 वां दिन है और रूसी सेना राजधानी कीव के काफी निकट आ गई है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस पर मेलिटोपोल शहर के महापौर का अपहरण करने का आरोप लगाया और इसकी तुलना आईएसआईएस आतंकवादियों के कार्यों से की। जेलेंस्की ने शुक्रवार शाम एक वीडियो संबोधन में कहा, वे आतंक के एक नए चरण में चले गए हैं, जिसमें वे यूक्रेन के वैध स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों को मिटाने, उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
हथियारबंद लोगों के एक समूह ने किया महापौर का अपहरण : जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख किरिल टिमोशेंको ने सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा कि, इस वीडियो में एक चौराहे पर महापौर इवान फेडोरोव को ले जा रहे हथियारबंद लोगों का समूह दिख रहा है। रूसी सेना ने 26 फरवरी को 150,000 की आबादी वाले दक्षिणी बंदरगाह शहर मेलिटोपोल पर कब्जा कर लिया था। पूर्वी यूक्रेन में मास्को समर्थित विद्रोहियों के क्षेत्र लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के अभियोजक कार्यालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि फेडोरोव के खिलाफ आपराधिक मामला था।
अमेरिका बड़ा रहा है यूरोप में अपनी सेना
अभियोजक के कार्यालय ने फेडोरोव पर आतंकवादी गतिविधियों और राइट सेक्टर के लड़ाकों को डोनबास के नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी अपराध करने के लिए वित्तपोषण करने का आरोप लगाया। कार्यालय ने कहा कि वह फेडोरोव की तलाश कर रहा है और उनके ठिकाने के बारे में जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को कार्यालय से संपर्क करने को कहा। इस बीच अमेरिका की यूरोप में अपने सैनिकों की संख्या बड़ा रहा है। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगी देशों में पहले ही हजारों की संख्या में सैनिक भेजे जा चुके हैं।
पेंटागन ने दिए 12 हजार सैनिक भेजने के आदेश
अमेरिकी सेना के डिवीजन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल लिंडसे एल्डर ने बताया कि इससे पहले सेना की तीसरी इंफैन्ट्री डिवीजन के कम से कम 3,800 सैनिकों को निकट के फोर्ट स्टीवार्ट से अन्य जगह तैनात किया गया है। तीसरी इंफैन्ट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल चार्ल्स कोस्टान्जा ने हाल में कहा था कि सैनिकों को फिलहाल विदेश में छह महीने की तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है, यूक्रेन में हालात के मद्देनजर इसे बढ़ाया अथवा घटाया जा सकता है। पेंटागन ने विभिन्न अमेरिकी सैन्य अड्डों से यूरोप के लिए लगभग 12,000 सैनिकों को भेजने के आदेश दिए हैं। इस सैनिकों का एक काम नाटो सहयोगियों के सैनिकों को प्रशिक्षण देना भी है।