पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद पैदा तनाव में वह परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर विचार करने लगे थे। लेकिन वह ऐसा जवाबी कार्रवाई के तौर पर करने की सोच रहे थे। मुशर्रफ (73) इस समय पाकिस्तानी अदालतों में अपने खिलाफ चल रहे मामलों से बचने के लिए देश से बाहर रह रहे हैं।
आपको बता दे कि पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ये बात जापानी समाचार पत्र मेनची शिंबुन को दिए इंटरव्यू में कहा और बताया कि जब वह परमाणु हथियारों को मोर्चों पर तैनात करने के बारे में विचार कर रहे थे तो वह कई रातों तक सो नहीं पाए थे। उन्होंने कहा कि 2002 में तनाव बहुत बढ़ गया था। दोनों ओर से धमकियां दी जानें लगीं थी और परमाणु हथियार के इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया था।मुशर्रफ ने उस समय भी सार्वजानिक रूप से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया था।
मुशर्रफ ने कहा, उस दौरान न तो पाकिस्तान ने और न ही भारत ने परमाणु हथियार मिसाइल में फिट नहींं किये थे। इस प्रक्रिया में एक-दो दिन का वक्त लगता है। शायद दोनों ही देश परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसा नहीं हुआ। इसके लिए परवरदिगार का शुक्रिया अदा करता हूं।
उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ ने 1999 में नवाज शरीफ का तख्तापलट करके पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया था। उसी के बाद भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।
आपको बता दे कि पूर्व में आर्मी चीफ रहे मुशर्रफ ने तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार को बर्खास्त कर पाकिस्तान की सर्वोच्य सत्ता पर कब्जा किया था। और अक्टूबर 1999 में खुद को पाकिस्तान का आर्मी चीफ घोषित कर दिया। इस दौरान साल 2001 से 2008 तक मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति पद पर भी रहे।
गौरतलब है कि वर्तमान मैं मुशर्रफ पिछले करीब एक साल से दुबई में रह रहे हैं। उन्हें मेडिकल वीजा के आधार पर मुल्क से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी। मुशर्रफ पर साल 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है।