इस्लामाबाद : पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते काफी बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान विरोधी बयान के विरोध में अमेरिका के साथ होने वाली सभी वार्ताओं और द्विपक्षीय यात्राओं को स्थगित कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के हवाले से बताया कि श्री ट्रंप द्वारा एक टेलीविजन संबोधन में अफगानिस्तान रणनीति की घोषणा करने के दौरान पाकिस्तान की आलोचना के खिलाफ अमेरिका के साथ वार्ता और द्विपक्षीय यात्राओं को स्थगित कर दिया गया है। श्री आसिफ ने सीनेट की एक समिति को बताया कि श्री ट्रंप के बयान को गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि श्री ट्रंप ने एक सप्ताह पहले अपने टेलीविजन संबोधन में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बनने देने से नहीं रोकता है तो उसे दी जाने वाली सुरक्षा सहायता में काफी कटौती की जा सकती है।
दक्षिण और मध्य एएशिया मामलों के अमेरिकी विदेश सचिव एलीस वेल्स को तय कार्यक्रम के अनुसार आज पाकिस्तान आना था जबकि विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ की गत सप्ताह होने वाली अमेरिका की यात्रा को भी स्थगित कर दिया गया था। पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने बताया कि पांच सितंबर से शुरू होने वाली सभी राजदूतों की तीन दिवसीय बैठक अपने तय समय पर ही होगी। राजदूतों से बातचीत करके रणनीति तैयार की जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत सप्ताह वाङ्क्षशगटन के निकट एक सैन्य ठिकाने से अपने एक टेलिविजन संबोधन में अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया को लेकर अमेरिकी रणनीति की घोषणा की थी। श्री ट्रंप ने कहा था कि नई नीति का लक्ष्य अफगानिस्तान को आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगार बनाये जाने से रोकना है ताकि वहां छिपे आतंंकवादी अमेरिका को निशाना बनाने की बात सपने में भी नहीं सोच सकें।
पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए श्री ट्रंप ने कहा पाकिस्तान की जमीन का सुरक्षित पनाहगार के रूप में आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के मामले में हम ज्यादा समय तक चुप नहीं बैठ सकते हैं और अफगानिस्तान में हमारे प्रयासों में साझीदार बनकर पाकिस्तान काफी कुछ पा सकता है लेकिन अगर वह आतंकवादियों को शरण देता है तो उसे जोरदार नुकसान झेलना पड़ेगा। अपनी इस रणनीति में श्री ट्रंप ने अफगानिस्तान में चार हजार अतिरिक्त सैनिकों को भेजे जाने की घोषणा भी की है।