ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि डोकलाम में चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन बातचीत कर एक शांतिपूर्ण समाधान निकाल सकते हैं। साथ ही अधिकारी ने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि इस ”ट्राई़़जंक्शन प्वाइन्ट” पर पहले की तरह यथास्थिति बहाल हो जाए। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच बढ़ते तनाव के बीच संप्रभुता के मुद्दे और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने को लेकर चिंतित है।
अधिकारी ने बताया ”हम (डोकलाम) स्थिति पर बहुत सावधानी से नजर रख रहे हैं। हम चिंतित हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस मुद्दे का बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण समाधान निकाल सकते हैं। हम पहले की तरह यथास्थिति बहाल करने के पक्षधर हैं।” नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर अधिकारी ने कहा ”हम भूटान की संप्रभुता के मुद्दे को लेकर भी चिंतित हैं। सीधे तौर पर कहें तो हम संप्रभुता के मुद्दे और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने को लेकर चिंतित हैं।”
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन के अधिकारियों और सरकारी मीडिया के स्वर में पिछले कुछ माह में बेहद तल्खी आई है। नई दिल्ली ने बीजिंग के खिलाफ परिपक्व और मजबूत रूख अपनाया है। समझा जाता है कि इस मुद्दे पर नई दिल्ली वाशिंगटन तक नहीं पहुंची है। बहरहाल, एक करीबी मित्र के तौर पर अमेरिका स्थिति पर नजर रखे हुए है।
अधिकारी ने कहा ”हमें उम्मीद है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये एक समाधान निकाल सकते हैं ताकि इलाके में शांति लौट सके। हम स्थिति पर बहुत ही सावधानी से नजर रख रहे हैं और हम इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। अगर मदद की अपेक्षा की जाती है तो हम मदद के लिए तैयार हैं। लेकिन फिलहाल हम स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखे हुए हैं।”
एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया के भारत की ओर से न तो कोई अनुरोध किया गया है और न ही अमेरिका की ओर से ऐसा कोई इरादा है। अधिकारी ने पूछा गया ”किस तरह की मदद ? आपका कहना है कि मदद के लिए तैयार हैं। इस पर अधिकारी ने कहा, ”आप जानते हैं कि यह आवश्यक है या नहीं, इस बारे में भारत और चीन को तय करना है। मेरे विचार से अमेरिका स्थिति पर बेहद करीब से और सावधानीपूर्वक नजर रखे हुए है।”
उन्होंने कहा ”आप जानते हैं कि यह (अमेरिका) इसे भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर देखता है । लेकिन हम निश्चित रूप से क्षेत्र में शांतिपूर्ण रिश्ते देखना चाहते हैं।” अधिकारी ने कहा ”इसलिए, अगर अमेरिका इस स्थिति में कुछ भी मदद कर सकता है तो हम इसके लिए तैयार हैं।”