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स्तन कैंसर उपचार के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सोया, हरी फूलगोभी खाएं

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सोयाबीन उत्पाद जैसे सोया दूध व पनीर और क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे बंदगोभी, पत्तागोभी और हरी फूलगोभी खाने से स्तन कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। यह अनुसंधानकर्ताओं का कहना है। स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति की रोकथाम के लिए जो उपचार हैं उनमें शरीर में एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन का उत्पादन व उपयोग को रोक दिया जाता है।

क्योंकि इस हार्मोन से स्तन कैंसर के फोड़े के विकास को बल मिलता है, जिससे मरीज के शरीर में गर्मी व उबाल सा महसूस होता है तो रात में पसीने आते हैं और रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले दुष्प्रभावों में ये सामान्य बातें हैं। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं के अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि कूसिफेरस वेजिटेबल्स और सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थो का सेवन करने वाले मरीजों में रजोनिवृत्ति के लक्षण कम देखने को मिले।

यही नहीं, ज्यादा सोयाबीन उत्पाद खाने वाले मरीजों में कम थकान की रिपोर्ट मिली। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक पादप रसायन या जैव सक्रिय भोजन के अवयव जैसे-सोयाबीन के खाद्य उत्पाद में आईसोफ्लेवन्स और क्रूसिफेरस वेजिटेबल्स में पाये जाने वाले ग्लूकोसिनोलेट्स फायदे के स्रोत हो सकते हैं। आईसोफ्लवन्स से एस्ट्रोजन ग्राही में बंद हो जाता है और इस तरह दुर्बल एस्ट्रोजेनिक प्रभाव कार्य करता है।

वहीं, क्रूसिफेरस वेजिटेबल्स में मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स से उपापचय में शामिल पाचक रस (मेटाबोलाइजिंग इंजाइम्स) के स्तर पर असर पड़ता है। इससे सूजन व एस्ट्रोजेन के स्तर व्यवस्थित होते हैं और उपचार संबंधी लक्षण संभवतया कम होते हैं।

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के लोमबार्डी कांप्रिहेन्सिव कैंसर सेंटर के इस शोध के प्रमुख लेखक सारा ओपनीयर नोमूरा ने बताया कि यह अध्ययन उपचार के दुष्प्रभावों से संबंधित जीवन पद्धति के कारकों जैसे- खानपान की आदतों की संभावित भूमिका पर शोध की मुख्य कमी को दूर करता है। ब्रेस्ट कैंसर रिचर्स एंड ट्रीटमेंट में प्रकाशित इस शोध अध्ययन में 173 गैर-हिस्पेनिक ह्वाइट और 192 चीनी मूल के अमेरिकी महिलाओं को शामिल किया गया था।

अध्ययन में ज्यादा सोयाबीन उत्पाद का सेवन करने वाली महिलाओं में जोड़ में दर्द की तकलीफें, बाल कम होने या झड़ने व याद्दाश्त की समस्याएं कम देखने को मिली। हालांकि इसका सांख्यिकी संबंधी आधार नहीं है। अनुसंधानकर्ताओं ने इस संबंध में यह चेतावनी दी है कि जब तक और ज्यादा अध्ययन नहीं किया जाता तब तक मरीजों को एकाएक सोया उत्पाद खाना शुरू नहीं करना चाहिए। हां अगर पहले किसी ने इसका उपयोग किया है तो कोई दिक्कत नहीं है।

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