मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड और आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) का सरगना हाफिज सईद ने कल आधी रात को हिरासत की मियाद खत्म होने के बाद आजाद होते ही कहा कि वह कश्मीर की लड़ाई के लिए पूरे पाकिस्तान से लोगों को इकट्ठा करेगा और कश्मीरियों को आजादी दिलाने में मदद करेगा।
आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका निभाने को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जेयूडी के सरगना सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। सईद इस साल जनवरी से ही हिरासत में था, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अब किसी दूसरे केस में उसे फिर से हिरासत में नहीं लेने का फैसला किया।
रिहा होने के बाद सईद ने अपने घर के बाहर जुटे समर्थकों से कहा, ‘मुझे 10 महीने तक नरजबंद रखा गया ताकि मुझे कश्मीर पर बोलने से रोका जा सके। मैं कश्मीरियों के हक की लड़ाई लड़ता हूं। मैं कश्मीर के लिए पूरे देश से लोगों को जुटाऊंगा और हम कश्मीरियों को उनकी आजादी की मंजिल पाने में मदद करेंगे।’
पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की 30 दिन की नजरबंदी पूरी होने पर उसकी रिहाई का आदेश सर्वसम्मति से दिया था। सईद की 30 दिन की नजरबंदी की अवधि गुरुवार आधी रात को पूरी हो गई थी। सईद ने खुद की रिहाई के आदेश को खुद की बेगुनाही का सबूत बताया। सईद ने कहा कि भारत के कहने पर अमेरिका ने पाकिस्तान पर मुझे हिरासत में लेने का दबाव डाला।
उसने कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार पर अमेरिका के दबाव के कारण मुझे हिरासत में लिया गया। अमेरिका ने ऐसा भारत के कहने पर किया।’ यहां जौहर टाउन स्थित हाफिज के घर के बाहर उसके कई समर्थक जुटे और उसकी रिहाई का जश्न मनाया। उन्होंने हाफिज सईद को ‘कश्मीरियों की उम्मीद’ करार दिया।
जमात-उद-दावा के प्रवक्ता अहमद नदीम ने कहा, ‘हम अपने लीडर को आजाद देखकर खुश हैं। हाफिज साहब को जेल अधिकारियों से रिहाई का आदेश प्राप्त हुआ। अब वह आजाद हैं।’ इस बीच, पाकिस्तान सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘सईद इसलिए रिहा हो गया क्योंकि पंजाब सरकार ने उसे अब अन्य मामले में हिरासत मे नहीं लेने का फैसला किया।’
उसने बताया कि अधिकारियों के बीच लंबी चर्चा के बाद न्यायिक समीक्षा बोर्ड का फैसला मानने पर सहमति बनी। पंजाब के असिस्टेंट ऐडवोकेट जनरल सत्तार साहिल ने कहा कि सरकारी लॉ ऑफिसर ने सईद की हिरासत को न्यायोचित साबित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सबूत पेश किए, लेकिन बोर्ड के तीनों सदस्यों ने इसे सर्वसम्मति से खारिज करते हुए हाफिज की रिहाई का आदेश दे दिया।
बहरहाल, जमात-उद-दावा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही प्रमुख संगठन माना जाता है। इसी ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें 166 से अधिक लोग मारे गये थे। उसके बाद हाफिज सईद को नजरबंद कर लिया गया था, लेकिन 2009 में कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया।
हालांकि भारत पाकिस्तान से मुंबई आतंकी हमले की दोबारा जांच करने और पाकिस्तान सरकार को सौंपे गए सबूतों के आधार पर सईद के साथ-साथ लश्कर के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी पर मुकदमा चलाने की मांग करता रहा है।
मुंबई हमले में लश्कर के 10 आतंकवादियों में से नौ को पुलिस ने मार गिराया था और अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर कसाब को फांसी दे दी गई थी। अमेरिका के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस हमले की साजिश रचने के लिए हाफिज सईद को ग्लोबल टेररिस्ट (अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी) घोषित कर रखा है।