व्हाइट हाउस की मादक पदार्थो के उत्पादन और पारगमन करने वाले देशों की सूची में भारत अभी भी शामिल है। यह वार्षिक सूची मंगलवार को ऐसे मौके पर जारी हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सितंबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र में मादक पदार्थो के खिलाफ वैश्विक अभियान की तैयारी में हैं। इस सूची में 21 देशों के नाम हैं जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मेक्सिको और कोलंबिया भी शामिल हैं।
भारत 2004 से इस सूची में शामिल है। तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पहली बार कांग्रेस द्वारा अधिनियमित 2003 के कानून के तहत इसे जारी किया था और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इसे बरकरार रखा था। इस सूची में भारत को शामिल करने के पीछे दिल्ली और वाशिंगटन के बीच टकराव रहा है। ट्रंप ने अपने ज्ञापन में कहा,
‘सूची में किसी देश की मौजूदगी का मतलब यह नहीं है कि वह उस देश की सरकार के मादक पदार्थो के खिलाफ प्रयासों को प्रतिबंबित करता है और न ही यह अमेरिका के साथ सहयोग के स्तर से जुड़ा है।’ उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा,
‘सूची में देशों को शामिल करने के पीछे भौगोलिक, वाणिज्यिक और आर्थिक कारक हैं जो मादक पदार्थों के पारगमन या उत्पादन करने की इजाजत देते हैं जबकि सरकार मादक पदार्थों की तस्करी को नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश में लगी होती है।’
महत्वपूर्ण बात यह है कि सूची में किसी भी पश्चिमी देश को शामिल नहीं किया गया है, भले ही वे मादक पदार्थो की तस्करी के दौरान पारगमन का पड़ाव रहे हों। नाइजीरिया, ब्राजील, वियतनाम और थाईलैंड अब इस सूची में नहीं हैं।