पूर्व अमेरिकी सांसद लैरी प्रेस्लर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच हुआ परमाणु समझौता दरअसल हथियार समझौता से कहीं अधिक है जबकि, द्विपक्षीय साझेदारी का केन्द कृषि, तकनीक और स्वास्थ्य सेवा होना चाहिए। अमेरिकी संसद की हथियार नियंत्रण उपसमिति के अध्यक्ष रह चुके प्रेस्लर ने कल पाकिस्तान को भी आगाह किया था।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद पर कारवाही नहीं की तो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन उसे आतंकवादी राष्ट्र घोषित कर सकता है। प्रेस्लर ने कहा, मैं परमाणु रूर्जा का शांतिपूर्ण इस्तेमाल देखना पसंद करूंगा लेकिन मैं चिंतित हूं कि अभी तक यह (भारत-अमेरिका परमाणु समझौता) हथियार समझौता ही है। मुझे ऐसा लगता है कि नए समझौते का बड़ा हिस्सा भारतीयों को भारी पैमाने पर हथियारों की बिक्री है।
पूर्व सांसद अपनी पुस्तक अनवीलिंग नेबर्स इन आर्म्स के विमोचन के दौरान बोल रहे थे। भारत और अमेरिका के बीच अक्तूबर 2008 में परमाणु सहयोग समझौता हुआ था। इस समझौते से भारत के परमाणु रूर्जा उत्पादन में खासा इजाफा हुआ है।
प्रेस्लर ने दावा किया कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नई दिल्ली की यात्रा हथियार बिक्री के लिए यात्रा थी। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित कर सकता है, उन्होंने कहा, अगर पाकिस्तान कुछ चीजें नहीं बदलता तो यह हो सकता है। और ट्रंप प्रशासन कह रहा है कि वह इसके नजदीक हैं। मुझे उम्मीद है कि वे करेंगे।