हेग : हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव मामले में अपने निर्णय से पाकिस्तान सरकार को अवगत कराने के लिये वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक अत्यावश्यक पत्र भेजा है और उनसे न्यायालय के स्थगनादेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार अंतराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष जज रॉनी अब्राहम ने अदालत के नियमावली के अनुच्छेद 74 के पैराग्राफ चार में वर्णित अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए श्री शरीफ को कल लिखे गये उस पत्र की एक प्रति भारत सरकार को भी भेजी है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की नियमावली के पैराग्राफ चार के अनुसार न्यायालय के अध्यक्ष मामले का हल खोजने के उद्देश्य से पक्षकारों को किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिये कह सकते हैं जो मुकदमे की कार्यवाही में भी सहायक सिद्ध हो। भारत ने बीते सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव के मामले में याचिका दाखिल की थी और न्यायालय ने मंगलवार को पाकिस्तान सरकार को उसकी सैन्य अदालत द्वारा श्री जाधव के मृत्युदंड को स्थगित करने को कहा था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के इस निर्णय से पाकिस्तान सरकार हतप्रभ रह गयी थी।
इस कदम को भारत एवं पाकिस्तान के बीच हर प्रकार के विवाद को द्विपक्षीय ढंग से सुलझाने के भारत के पुराने रुख से हटने के तौर पर भी देखा गया। इस आशय के सवालों पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान ने विएना संधि का खुलेतौर पर उल्लंघन किया है और पाकिस्तान के लगातार असहयोग के कारण एक भारतीय की जान बचाने के लिये उसे अंतर्राष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण को जासूसी के आरोप में पिछले महीने 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई थी। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार श्री जाधव को पिछले वर्ष तीन मार्च ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था जबकि भारत का आरोप है कि उन्हें ईरान से अपहृत करके पाकिस्तान लाया गया था। भारत ने अब तक 16 से अधिक बार श्री जाधव से राजनयिक संपर्क की अनुमति मांगी लेकिन पाकिस्तान ने इस आग्रह को हर बार ठुकराया और अप्रैल में एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि श्री जाधव पर सैन्य अदालत में तीन माह तक मुकदमा चला और अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है।
भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन करते हुए श्री जाधव पर मामला चलाया है। भारत कई बार यह भी स्पष्ट कर चुका है कि श्री जाधव भारत के जासूस नहीं हैं। वह भारतीय नौसेना में अधिकारी रह चुके हैं और सेवानिवृत्त होने के बाद अपना व्यापार करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला आने के बाद बौखलाये पाकिस्तान ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश का अध्ययन कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कल कहा कि हम भारत की अपील और अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश का विश्लेषण कर रहे हैं। पाकिस्तान इस मामले में अगले कुछ दिनों में बयान जारी करेगा।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लेकर पाकिस्तान के सेनाप्रमुख कमर जावेद बाजवा ने श्री शरीफ से मुलाकात की। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर आसिफ गफूर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत अगर श्री जाधव के बारे में कुछ पूछेगी तो हम उचित स्तर से जवाब देंगे। श्री जाधव की फांसी रोकने के फैसले से पाकिस्तान की बौखलाहट का परिचय पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ के बयान से मिला। उन्होंने उलटे भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
(वार्ता)