लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

ग्रीनवुड और आईसीजे के कई न्यायाधीशों ने मध्यस्थों के तौर पर किया काम

NULL

ब्रिटिश न्यायाधीश क्रिस्टोफर ग्रीनवुड सहित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के कम से कम 13 पूर्व एवं सात मौजूदा न्यायाधीशों ने अपने कार्यकाल के दौरान मध्यस्थों के तौर पर काम किया। एक जांच रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया जिससे आईसीजे के न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठता है।

हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि नौ साल के दूसरे कार्यकाल के लिए हाल में पुनर्निवाचित हुए भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने कभी मध्यस्थ के रूप में काम किया। कनाडा स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फोर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (आईएसएसडी) द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।

आईसीजे के नियमों के तहत न्यायाधीशों के पेशेवर प्रवृत्ति के किसी भी दूसरे कामकाज से जुड़ने पर रोक है। इससे संभवत: इस बात का कारण समझ आता है कि न्यायमूर्ति को संयुक्त राष्ट्र महासभा में लगातार करीब दो तिहाई वोट क्यों मिले और न्यायमूर्ति ग्रीनवुड उनसे पीछे क्यों रह गए।

ग्रीनवुड ने बाद में पद के लिए दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया जिससे भंडारी का आईसीजे में पुनर्निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया। जांच से वाकिफ सूत्रों ने कहा, न्यायमूर्ति भंडारी नैतिकता के आधार पर मध्यस्थता का कोई भी मामला हाथों में नहीं लेते।

रिपोर्ट में कहा गया कि ग्रीनवुड ने आईसीजे में अपने कार्यकाल के दौरान निवेश संबंधी कम से कम नौ मध्यस्थता मामलों में मध्यस्थ के तौर पर काम किया। उन्हें उनमें से दो मामलों में 4,00,000 डॉलर से ज्यादा की राशि दी गयी। आईआईएसडी ने बताया कि आईसीजे के न्यायाधीशों को इस तरह के 90 मामलों में से नौ में 10 लाख डॉलर से ज्यादा कर फीस अदा की गई।

आईसीजे के मौजूदा प्रमुख रोनी अब्राहम और पांच पूर्व प्रमुख उन 20 मौजूदा एवं पूर्व न्यायाधीशों में शामिल हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में मध्यस्थों के तौर पर काम किया। मामलों में दी गयी पूरी राशि का पता नहीं चला है क्योंकि आमतौर पर निवेशक-राज्य विवाद समाधान (आईएसडीएस) मामलों में मध्यस्थों के शुल्क का खुलासा नहीं किया जाता। इन मामलों में आईसीजे के निवर्तमान न्यायाधीशों ने मध्यस्थों के तौर पर काम किया था या इस समय कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

six + twenty =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।