कोलंबो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के सबसे बड़े उत्सव अंतरराष्ट्रीय बैसाख दिवस समारोह में आज शामिल हुए। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पारंपरिक उल्लास के बीच आयोजन स्थल पर मोदी की आगवानी की। दो वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी का श्रीलंका का यह दूसरा दौरा है।
समारोह के मुख्य अतिथि मोदी ने द्वीप प्रज्ज्वलित किया। इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना भी मौजूद रहे। बौद्ध भिक्षु जब प्रार्थना कर रहे थे तब मोदी ने आंखें बंद कर रखी थी और दोनों हाथ जोड़ रखे थे। इस मौके पर विक्रमसिंघे ने समारोह का मुख्य अतिथि बनने के लिए मोदी का आभार जताया।
विक्रमसिंघे ने कहा, ”कोलंबो में बैसाख दिवस समारोह की मेजबानी करके गौरवान्वित हूं। मैं समारोह का मुख्य अतिथि बनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, ”बौद्ध धर्म की शिक्षाएं आज की दुनिया में प्रासंगिक है। बौद्ध धर्म मध्यम मार्ग की राह प्रशस्त करता है और सामाजिक न्याय को मजबूत करने की आवश्यकता दिखाता है।” मोदी आज एक अस्पताल का उद्घाटन भी करेंगे जिसका निर्माण भारत की ओर से दी गई 150 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता से किया गया है।
वह भारतीय मूल के तमिलों को भी संबोधित करेंगे। भारत ने आग्रह किया है कि श्रीलंका को सामंजस्य बनाए रखने की प्रक्रिया के तौर पर जातीय समुदाय को सत्ता का हस्तांतरण करना चाहिए। इसकी पृष्ठभूमि में मोदी भारतवंशी तमिलों को संबोधित करेंगे। मोदी दो दिन की यात्रा पर कल यहां पहुंचे। ऐसे समय में जब चीन इस देश में अपनी दखल बढऩे की कोशिश कर रहा है, मोदी की यात्रा का उद्देश्य भारत और श्रीलंका के बीच पारंपरिक संबंधों को मजबूत करना है।
(भाषा)