पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने परिवार के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई के लिए सोमवार को एक जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश हुए। नवाज शरीफ के जेल जाने के बाद से यह पहली बार है जब वह भ्रष्टाचार के शेष दो मामलों में किसी अदालत के समक्ष पेश हुए।
नवाज शरीफ (68), उनकी 44 वर्षीय बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत) मुहम्मद सफदर पहले से ही रावलपिंडी के अडियाला जेल में क्रमश: 10 साल, सात साल और एक साल कैद की सजा काट रहे हैं। लंदन में चार आलीशन फ्लैटों पर उनके परिवार के स्वामित्व को लेकर एक जवाबदेही अदालत ने छह जुलाई को उन्हें दोषी ठहराया था।
सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच कोर्ट में पेश हुए नवाज शरीफ
नवाज शरीफ को आज उच्च सुरक्षा वाली जेल से एक बख्तरबंद वाहन में न्यायाधीश अर्शद मलिक की जवाबदेही अदालत में लाया गया। मलिक भ्रष्टाचार के दो शेष मामलों- अल-अजीजिया स्टील मिल्स और हिल मेटल इस्टेब्लिशमेंट मामले की सुनवाई कर रहे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और अधिकारियों ने अदालत परिसर में गैरजरूरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित रखा। यहां तक की मीडिया को भी अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
नवाज शरीफ और उनके दो बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के लंबित मामलों को शरीफ के आवेदन पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सात अगस्त को न्यायाधीश मलिक की अध्यक्षता वाली दूसरी जवाबदेही अदालत को स्थानांतरित कर दिया था। पिछले साल 28 जुलाई को उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ उसी साल भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए गए।
पाक ने नवाज शरीफ के बेटों को काली सूची में डाला, पासपोर्ट पर लगाई रोक
बता दें कि नवाज शरीफ परिवार के खिलाफ औपचारिक मुकदमा 14 सितंबर को शुरू हुआ और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी होनी थी लेकिन अंतिम तारीख तीन बार बढ़ाई गई। नवाज शरीफ के अलावा उनके दो बेटे- हसन और हुसैन भी भ्रष्टाचार के सभी तीन मामलों में सह आरोपी हैं।
अदालत पहले ही नवाज शरीफ के दोनों बेटों को उसके समक्ष पेश नहीं होने को लेकर भगोड़ा करार दे चुकी है। अधिकारियों ने उन्हें काली सूची में डाल दिया है जो उनके पाकिस्तानी पासपोर्ट पर उन्हें यात्रा करने देने से रोकती है।