मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने शुक्रवार (6 अप्रैल) को उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) पर अमेरिकी प्रतिबंध का मजाक उड़ाया। अमेरिका ने बीते 3 अप्रैल को आतंकवादियों की सूची जारी की थी, जिसमें उन्होंने जमात-उद-दावा (जेयूडी) के एमएमएल को विदेशी आतंकी संगठन बताते हुए इसका नाम शामिल किया था। सईद ने अमेरिकी प्रतिबंध पर मुंह चिढ़ाते हुए कहा कि यह उनके पार्टी की विश्वसनीयता को जाहिर करता है। पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव होने हैं।
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, सरकार हाफिज के संगठन ‘जमात-उद-दावा’ और इससे जुड़े सभी संगठनों पर बैन लगाने पर विचार कर रह है। ऐसा करने से हाफिज सईद के सियासी पारी शुरू करने के सपनों पर ब्रेक लग सकता है।
पाकिस्तान सरकार बैन लगाने के लिए ऐसे ड्राफ्ट पर काम कर रही है, जो राष्ट्रपति ममनून हुसैन के अध्यादेश की जगह लेगा। इस नए ड्राफ्ट के कानून बनने के बाद हाफिज सईद के ‘जमात-उद-दावा’ समेत इससे जुड़े सभी संगठनों की हर तरह की गतिविधियों पर आजीवन बैन लग जाएगा।
बता दे कि संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति का यह अध्यादेश पारित होने के 120 दिन के अंदर खत्म हो जाएगा। ऐसे में पाक सरकार इसके पहले ही एक ऐसा कानून लाना चाहती है, जो इस अध्यादेश की जगह ले सके।
दरअसल अमेरिका ने पिछले साल आतंकियों के खिलाफ सही कदम ना उठाने की वजह से पाकिस्तान को फोर्स टेरर एक्शन फाइनेंसिंग वॉचलिस्ट (एफएटीएफ) की ग्रे-लिस्ट में डालने का प्रस्ताव रखा था।
पाकिस्तान के लिए इस लिस्ट में आना सिर दर्द इसलिए बन गया क्योंकि इस लिस्ट में आने वाले देशों के दूसरे देशों से बैंकिंग लेनदेन खत्म हो जाते हैं। इसी को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद के संगठन पर कड़ा रुख अपनाया था।
बता दें कि पाकिस्तान पहले भी 3 साल तक एफएटीएफ ग्रे लिस्ट में रह चुका है। एफएटीएफ उन देशों की पर नजर रखता है जो आतंकियों को आर्थिक या किसी भी तरह की मदद देते हैं।
वहीं पाकिस्तान का ये कदम इस लिस्ट से बचने के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने ऐक्ट में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी किया था। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सूची में शामिल संगठनों को बैन करने के लिए आदेश दिया था। लेकिन अध्यादेश 120 दिनों में समाप्त हो जाएगा. ऐसे में सरकार को यह फैसला उठाना पड़ा।
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