दुनिया के सामने शराफत का नक़ाब पहने पाकिस्तान का असली चेहरा, खुद पाकिस्तान के मीडिया ने उजागर कर दिया है। पाकिस्तान के एक निजी अख़बार ने पाक के हुक्मरानों को चेताते हुए लिखा है कि अगर कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों के खिलाफ सहानुभूति वाला दृष्टिकोण नहीं बदला गया तो पाकिस्तान आतंकवाद के नए रूप को जन्म दे सकता है।
संपादकीय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ताजा सूची का जिक्र किया गया है, जिसमें आतंकवादी और आतंकी संगठनों के नाम हैं। इस लिस्ट में 139 ऐसे हैं, जिनका बेस पाकिस्तान में है। संपादकीय कहता है कि इस लिस्ट के आधार पर कई लोग ऐसा कहेंगे कि पाकिस्तान फेल रहा है। इशारा भारत की ओर था।
अखबार ने लिखा है, ‘कट्टरपंथ को लेकर दोहरा रवैया एक तरह से सहानुभूति को दर्शाता है। इससे नए तरह का आतंक पैदा होने के लिए जमीन तैयार होती है।’ अखबार ने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है कि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को समस्याओं को जन्म देने वाले राष्ट्र के तौर पर देखा जा रहा है।
संपादकीय में इस बात पर चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन लगातार भर्ती कर रहे हैं। ऐसे में भविष्य के लिए आतंक की नई फसल तैयार हो रही है, जो एक बड़ी समस्या बन सकती है। हालांकि, जिन लोगों की भर्ती की जा रही है, उनके नाम किसी वैश्विक सूची में नहीं हैं, लेकिन भविष्य में ये लोग पाकिस्तान के लिए मुसीबत बन सकते हैं। सुरक्षा परिषद की ताजा सूची के बारे में अखबार आगे लिखता है कि जब तक आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई न की जाए, तब तक इस प्रकार की सूचियों में नाम आते रहेंगे।
चिंता जताई गई है कि इस प्रकार की सूचियों को आधार बनाकर कोई भी पाकिस्तान को विफल राष्ट्र कह सकता है। अखबार में भारत के लिहाज से जो सबसे अहम बात कही गई है उसमें हाफिज सईद का नाम ओसामा बिन लादेन और अयमान अल जवाहिरी के साथ लिखा गया है।
संपादकीय में कहा गया है कि ओसामा बिन लादेन के उत्तराधिकारी अयमान अल जाहिरी के बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कहीं है। इन दिनों सबसे ज्यादा सुर्खियों में छाया हुआ शख्स, जिसका नाम हाफिज सईद है, वह भी यहीं है। उसे वो हर आजादी है, जो एक सामान्य नागरिक मिलती है। संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि हाफिज सईद का नाम आतंकी गतिविधियों के चलते इंटरपोल की वांटेड लिस्ट में भी शामिल है।
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