इस्लामाबादः इन दिनों पाकिस्तान पर कंगाली का साया मंडरा रहा है। दरअसल पाकिस्तान के पास महज तीन महीने के इंपोर्ट के डॉलर बचे हैं और माना जा रहा है कि आने वाले 12 से 16 हफ्तों के बीच पाकिस्तान को डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता। हालात ये है कि पाकिस्तान के जो जनरल दूसरों को तबाह करने, मुंहतोड़ जवाब देने और आंखें दिखाने की गीदड़ भभकियां देते थे, उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कराची में कहा कि पाकिस्तान के कर्ज़े आसमान को छू रहे हैं, सिर्फ़ सैन्य ताकत के बल पर कोई देश नहीं चलता।
इस बात एक उदाहरण रूस भी है, जिसके पास सैन्य ताकत की कमी नहीं थी, लेकिन कमज़ोर आर्थिक हालत की वजह से वो टूट गया। ऐसे ही हालात पाकिस्तान में भी बने हुआ है। जो देश कल तक सबको आंखें दिखा रहा था, वो आज खुद खौफ के साये में है। पाकिस्तान के लिए ये घड़ी सबक की भी है कि आतंक की फैक्ट्री से खून खराबा तो मिलता है लेकिन डॉलर नहीं मिलते, जिनकी पाकिस्तान को इस वक्त सख्त जरूरत है। अगर समय रहते पाकिस्तान अपना कर्जा नहीं चुकाता, तो वह दुनिया के नजरों में डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा और आने वाले वक्त में कोई देश पाकिस्तान को कर्ज नहीं देगा। यही वजह है कि पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रहा है।