अमेरिका ने कहा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन काफी चिंतित हैं। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने संवाददाताओं को बताया कि फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कितने देश यरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की योजना बना रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम पर क्रेमलिन का कहना है, इस तरह के कदमों से पश्चिम एशिया में शांति के संभावित रास्ते में मुश्किल आएगी।
यरूशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता दिए जाने के श्री ट्रंप के फैसले की दुनिया के कई देशों ने आलोचना की है।संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि‘ट्रंप का बयान इजरायल और फिलीस्तीन के बीच शांति की संभावनाओं को बर्बाद कर देगा। फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ‘ट्रंप का फैसला अफसोसजनक’ है।
चीन और रूस ने भी चिंता जताते हुए कहा है कि इससे इलाके में अंशांति फैलेगी। ट्रंप की इस घोषणा ने पवित्र शहर के दर्जे पर अमेरिका की सात दशक पुरानी अस्पष्टता को खत्म कर दिया है। गौरतलब है कि इस्राइल और फलस्तीन दोनों ही यरूशलम पर अपना दावा करते हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा था वाशिंगटन में घोषित फैसले को मास्को गंभीर चिंता के साथ देखता है।
मास्को सभी पक्षों से संयम बरतने तथा ऐसी किसी भी जाँच से बचने का आहवान करता है जिसके खतरनाक और ऐसे नतीजे हों जिन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सके। वहीँ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे कहा कि‘यरूशलम की स्थिति अंतत: एक साझा राजधानी के रूप में तय की जानी चाहिए।
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