ब्रिटेन ने रविवार को कहा कि इस्तांबुल के सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर असंतुष्ट पत्रकार जमाल खशोगी की मौत के बारे में सऊदी अरब का ब्योरा विश्वसनीय नहीं है और दोषियों को इंसाफ के कठघरे में जरूर लाया जाना चाहिए।
एक पखवाड़े तक इनकार करने के बाद सऊदी प्रशासन ने शनिवार को स्वीकार किया कि ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के स्तंभकार एवं सऊदी अरब के शक्तिशाली युवराज मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक खशोगी की हत्या इस्तांबुल के सऊदी वाणिज्य दूतावास में दो अक्टूबर को उनके प्रवेश के बाद की गई थी।
खशोगी की मौत पर सऊदी अरब की सफाई को सही मानते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
बहरहाल, इस संबंध में लंबे अंतराल के बाद दिए गए सऊदी प्रशासन के इस बयान पर हर तरफ से अविश्वास जताया गया है कि खशोगी की मौत झगड़े में हुई थी। विश्व शक्तियों ने उसकी यह दलील मानने से इनकार कर दिया और सवाल किया कि स्तंभकार का शव कहां है। ब्रेग्जिट मंत्री डोमिनिक राब ने बीबीसी को बताया, ‘‘मैं नहीं समझता कि यह विश्वसनीय है।’’
उन्होंने कहा कि जो ब्योरा दिया गया है उस पर गंभीर सवालिया निशान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसमें तुर्क जांच की हिमायत करते हैं और ब्रिटेन सरकार उस मौत के लिए लोगों को इंसाफ के कठघरे में देखना चाहती है।’’
राब ने इस मामले को ‘‘बेहद भयानक’’करार दिया लेकिन कहा कि उनकी सरकार सऊदी अरब से अपना रिश्ता नहीं तोड़ने जा रही है जो उससे हर साल करोड़ों पाउंड के हथियार खरीदता है।
राब का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख से मेल खाता है। ट्रंप ने अमेरिका और सऊदी अरब के बीच के अरबों डॉलर के सौदे को रद्द करने के खिलाफ चेतावनी दी है।