अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उनके फ्रांस के समकक्ष एमानुएल मैक्रों ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक नया समझौता हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति ने मंगलवार को अन्य कई मुद्दों पर द्विपक्षीय असहमति के बीच नए समझौते को तैयार करने के लिए अन्य पक्षों के साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव रखा।
ट्रंप के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मैक्रों ने कहा कि मौजूदा ईरान परमाणु समझौता ‘पर्याप्त’ नहीं है। ईरान परमाणु समझौते को अंतर्राष्ट्रीय तौर पर जेसीपीओए के नाम से जाना जाता है और इस पर 2015 में हस्ताक्षर हुआ था।
हालांकि, उन्होंने कहा, ‘यह फिर भी हमें कम से कम 2025 तक उसकी परमाणु गतिविधियों पर कुछ नियंत्रण रखने में समर्थ बनाता है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम अब से ईरान के साथ नए समझौते पर काम करना चाहते हैं।’ बीबीसी के मुताबिक, वार्ता के बाद ट्रंप ने भी बहुत बड़ा समझौता करने की बात कही।
ट्रंप 2015 के समझौते पर अविश्वास रखते हैं। मैक्रों ने कहा कि नए समझौते में ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम व मध्य पूर्व में इसकी भूमिका शामिल होनी चाहिए। ईरान ने अमेरिका द्वारा समझौते से हटने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है।
ईरान 2015 में तेहरान पर आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रमों में कटौती पर सहमति जताई थी। बीबीसी के मुताबिक, ट्रंप 12 मई की समय सीमा वाली ईरान व विश्व शक्तियों के बीच बराक ओबामा के काल में हुए परमाणु समझौते के विस्तार को खारिज करने की धमकी दे रहे हैं।
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