साओ पाउलो : जिका मामलों को लेकर दुनिया भर में सुर्खियों में आने के 18 महीनों बाद ब्राजील ने जिका विषाणु से बचाव के लिए एहतियातन लगाये गये जन स्वास्थ्य आपातकाल को खत्म करने की घोषणा की है। मच्छर से पनपने वाले इस विषाणु को 2015 तक स्वास्थ्य के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं माना जाता था जिसके बाद पता चला कि जिका गंभीर जन्म दोष को उत्पन्न कर सकता है। उन दोषों में से एक है माइक्रोसेफली जिसके कारण शिशुओं का मस्तिष्क उचित आकार से काफी छोटा हो जाता है।
दर्जनों देशों में जिका विषाणु के मिलने की खबर सामने आने के साथ ही इस बीमारी से ग्रस्त शिशुओं की तस्वीरों ने दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया था। कई लोगों ने तो जिका से संक्रमित स्थानों की अपनी यात्रा को रद्द कर दिया था। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों और अन्य संगठनों ने गर्भवती महिलाओं को जिका से प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी थी।
यह खौफ तब और फैल गया था जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यह विषाणु संक्र मित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से भी फैल सकता है। इस प्रकोप से बचाव के लिए ब्राजील ने मच्छर-उन्मूलन अभियान चलाया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उन प्रयासों से जिका मामले में बहुत ज्यादा कमी आयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नवंबर में अपने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल को हटा लिया था जबकि इसके साथ कहा गया था कि जिका अभी भी एक खतरा है।
(एपी)