मुंबई : हिंदी फिल्म अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने कहा कि ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ जैसी सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्म में काम करने से समाज में मौजूद कई मुद्दों को लेकर उनकी आंखें खुल गयीं। दम लगा के हइशा फिल्म से मशहूर हुई इस अभिनेत्री ने कहा कि फिल्म ने उन्हें इस बात से वाकिफ कराया कि देश की 54 प्रतिशत आबादी के पास शौचालय की सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा मेरे इस फिल्म में काम करने का एक बड़ा कारण यह था कि इसने बहुत सारी चीजों को लेकर मेरी आंखें खोल दीं। ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ एक खुशनुमा कहानी है, फिल्म देखने के बाद आपको खुद में एक बदलाव महसूस होगा। यह उपदेश नहीं देती, कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं है, यह काफी मनोरंजक फिल्म है। अक्षय कुमार के साथ फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहीं भूमि ने कहा कि फिल्म देश के लोगों की मानसिकता से जुड़े एक बड़े मुद्दे पर ध्यान देती है।
उन्होंने कहा, ”टॉयलेट: एक प्रेम कथा” लोगों की मानसिकता को लेकर एक टिप्पणी है। ग्रामीण भारत में लोग सोचते हैं कि अगर उनके घर में रसोईघर या मंदिर है तो वहां शौचालय नहीं हो सकता। यह एक बड़ा पाखंड है। 28 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, आपको महिलाओं के खुले में शौच करने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन घर में मंदिर और रसोईघर होने के कारण वहां शौचालय नहीं होगा। श्री नारायण सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म 11 अगस्त को रिलीज हो रही है।