वाशिंगटन: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इस साल तीसरी बार नीतिगत ब्याज में बढ़ोतरी करते हुए इसे 0.25 प्रतिशत ऊंचा कर दिया है। फेडरल रिवर्ज ने साथ ही यह भी संकेत दिया है कि वह अगले साल कोई अधिक आक्रामक रुख नहीं अपनाएगा। फेडरल रिजर्व बैंक की नीति निर्माता इकाई फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की दो दिन की बैठक के बाद कल इस निर्णय की घोषणा की गयी। मेटी ने कहा कि उसने श्रम बाजार और अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए यह कदम उठाया है।
फेडरल रिजर्व की नीतिगत दर अब बढ़कर 1.25-1.5 प्रतिशत के दायरे में आ गयी है। इस बढ़ोतरी से घरों से लेकर कार तक के ऋण की किस्तें महंगी हो जाएंगी। हालांकि फेडरल अधिकारियों के सितंबर में व्यक्त किए गए तिमाही नीतिगत रुख और अनुमान में कोई बदलाव नहीं दिखाता है। फेडरल रिजर्व 2018 में तीन बार और 2019 में एक बार नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना पहले ही जाहिर कर चुका है।
फेडरल रिजर्व को मुद्रास्फीति की ज्यादा चिंतित नहीं है। फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन का कहना है कि इस निर्णय की वजह यह है कि अमेरिका में श्रम बाजार की स्थिति मजबूत है। वैसे ब्याज दर बढ़ाने के निर्णय पर समिति में कुछ असहमतियां रही और शिकागो और मिनियापोलिस के फेडरल रिजर्व बैंक के गवर्नर ब्याज दर में वृद्धि को रोकने के पक्ष में थे।
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