नई दिल्ली : प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने सरकार को अगामी बजट में कर सुधार का रोडमैप जारी करने का सुझाव देते हुये कहा है कि इससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता मिलेगी और सभी छूट को समाप्त कर न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) को 20 फीसदी किया जाना चाहिए ताकि भारतीय कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व परिचर्चा के दौरान अर्थशास्त्रियों ने कई सुझाव दिये।
उन्होंने कहा कि सरकार को वित्तीय सुदृढ़करण जारी रखना चाहिए। किसी कारण से यदि वित्तीय लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता है तो उसे स्पष्ट किया जाना चाहिये। उन्होंने वृहद अर्थव्यवस्था की स्थिरता से समझौता किये बगैर बुनियादी ढांचे में निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ ही छोटे एवं मझौले उद्यम और निर्माण क्षेत्र को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के उपाय किये जाने की सिफारिश की। इसके साथ ही महंगाई को चार से छह प्रतिशत के दायरे में रखने को ध्यान में रखते हुये किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर मूल्य दिये जाने की भी वकालत की है।
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