नई दिल्ली: नीति आयोग ने देश में प्रदूषण फैलाने वाले इंधन की जगह मिथेनाल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये के कोष के गठन का सुझाव दिया है। साथ ही आयोग ने यह भी कहा है कि ठोस शहरी कचरे से इंधन मिथेनाल के उत्पादन के लिये दिल्ली सरकार से जल्दी ही संपर्क करेगा। आयोग इस तरह तैयार मिथेनाल को वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक मान रहा है। इसके अलावा पराली (कृषि अवशेष) से भी मिथेनाल बनाने का मोबाइल संयंत्र लगाने का भी सुझाव दिया गया है।
आयोग ने कार्बन उत्सर्जन तथा बढ़ते तेल आयात बिल में कमी लाने के इरादे से देश में मिथेनाल के उपयोग को बढ़वा देने के लिये यह सुझाव दिया है। नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा, इंधन के रूप में मिथेनाल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये मिथेनाल एकोनामी फंड बनाने का हमारा सुझाव है।इस कोष से इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़वा दिया जा सकेगा।
मिथेनाल उत्पादन में कूड़ के उपयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, देश में सभी शहरों में कूड़े डालने का स्थान (लैंड फिल) है। हम गैसीकरण प्रौद्योगिकी का उपयोग मेथेनाल का उत्पादन कर सकते हैं। हम जल्दी ही इस बारे में दिल्ली सरकार से इस बारे में संपर्क करेंगे। पंजाब व हरियाणा में पराली जलाये जाने के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि अवशेष से मेथेनाल बनाने के लिये मोबाइल मेथेनाल उत्पादन संयंत्र प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब पंजाब और हरियाणा में पराली के जलाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के उत्तरी भाग में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब हुई है।
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