दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि नशे की हालत में लोगों द्वारा उत्पात मचाने की शिकायतों का समाधान संबंधित क्षेत्र की मोहल्ला सभा करेंगी तथा इस मुद्दे पर बहुमत का फैसला सरकार के लिए बाध्यकारी होगा। उन्होंने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में मोहल्ला सभा की एक बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, मैं और (उपमुख्यमंत्री) मनीष (सिसोदिया) यहां बतौर बाहरी आए हैं। हम जानना चाहते हैं कि लोकतंत्र का मूल स्वभाव कैसे काम करता है। लोगों के समूह को सीधे सीधे प्रभावित करने वाला कोई भी फैसला उन्हीं के द्वारा ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि कोई अधिकारी या मंत्री निर्णय लेता है तो उसमें गड़बड़ की गुंजाइश होती है। उस पर दबाव हो सकता है या वह रिश्वत ले सकता है। ऐसे लोग यदि बंद कमरे में फैसला करते हैं जो सीधे प्रभावित नहीं हैं तो चीजें गड़बड़ हो सकती हैं।
इस मौके पर आबकारी विभाग की अगुवाई करने वाली सिसोदिया ने कहा, शराब समस्या नहीं है लेकिन उससे होने वाला उत्पात समस्या है। कई लोग शराब पीकर खुदकुशी कर लेते हैं लेकिन यह अन्य मुद्दा है। तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह ने दावा किया, आज मोहल्ला सभा में भाग लेने वालों में 90 फीसद लोग इलाके में शराब की दुकान बंद करने के पक्ष में है। वैसे वहां मौजूद मालिक का कहना था कि इसे बंद नहीं किया जाए। केजरीवाल ने कहा, मेरा मानना है कि पहली बार ऐसी बैठक बुलायी गयी और यह बाकी देश को शराब से संबंधित दिक्कतों के समाधान के लिए एक दिशा प्रदान करेगा।
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