नई दिल्ली : राहुल गांधी के रिश्तेदार शहजाद पूनावाला ने एक बार कांग्रेस प्रेसिडेंट के इलेक्शन पर सवाल उठाए हैं। 3 दिन पहले राहुल के प्रेसिडेंट बनाए जाने की प्रॉसेस को शहजाद ने ‘इलेक्शन नहीं सिलेक्शन’ कहा था। रविवार को पूनावाला ने कहा- मैंने पार्टी प्रेसिडेंट के इलेक्शन को लेकर राहुल के दफ्तर फोन लगाया था। आज एक बार फिर उन्होंने सरदार पटेल से जोड़कर ट्वीट किया शहजाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने पटेल की तरह उनका भी अपमान किया है।
शहजाद ने ट्विटर पर लिखा अगर कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सरदार पटेल को अपमानित किया गया था तो मुझे भी आज कुछ वैसा ही अपमानित महसूस हो रहा है। जब मैंने वंशवाद की राजनीति को खत्म करने के लिए आवाज उठाई। मैंने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की बात कही थी न कि राहुल गांधी का विरोध किया था। लेकिन कांग्रेस की ओर से कहा गया कि मैं सदस्य नहीं हूं मैंने साबित किया कि वे झूठ बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सुरेंद्रनगर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी को लेकर पार्टी के भीतर से उठी आवाज का समर्थन किया है। उन्होंने वंशवाद पर सवाल उठाने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता शहजाद पूनावाला की तारीफ की है।
पीएम मोदी ने मंच से कहा कि शहजाद ने शहजादे को लेकर सवाल उठाए तो उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। यहां तक कि शहजाद को सोशल मीडिया ग्रुप से भी हटा दिया गया। पीएम ने कहा कि ये किस तरह का टोलरेंस। दरअसल, शहजाद पूनावाला ने हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सिर्फ राहुल गांधी ही क्यों कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं।
शहजाद के इस सवाल के बाद उनके बड़े भाई और रॉबर्ट वाड्रा के रिश्तेदार तहसीन पूनावाला ने भी शहजाद का विरोध किया था। यहां तक कि तहसीन ने ट्वीटर पर शहजाद से अपने रिश्ते खत्म करने का ऐलान कर दिया । बता दें कि तहसीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के रिश्तेदार हैं। इस मसले पर विवाद के बाद रविवार को पीएम मोदी ने गुजरात में सुरेंद्रनगर की रैली से एक बार फिर इस मुद्दे को । खास बात ये भी है कि पीएम मोदी की ये टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब कांग्रेस में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और वो 4 दिसंबर को नामांकन करने वाले हैं। इससे पहले ही मोदी ने ये मुद्दा उठा दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जहां आंतरिक लोकतंत्र नहीं होता, वहां कोई जनता के लिए काम नहीं कर सकता।