नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा का सोमवार से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र हंगामेदार रह सकता है। इस सत्र के दौरान सत्ता पक्ष जहां सीलिंग, मेट्रो किराया, डोर स्टेप डिलीवरी सहित अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा सहित उपराज्यपाल पर निशाना साधेगी। वहीं भाजपा विधायक भी इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध कर सकते हैं। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रही जंग के बीच आप सांसद ने भी एलजी पर निशाना साधा है। आप के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी के स्कूलों में हजारों कमरे बनवा रही है।
यदि जमीन की समस्या नहीं होती तो विकास कार्य और तेजी से होता। उपराज्यपाल को डीडीए की मदद से जमीन दिल्ली सरकार को मुहैया करवानी चाहिए। दिल्ली सरकार को एलजी के सहयोग की जरूरत है। संविधान के मुताबिक एलजी बाध्य हैं लेकिन मंत्री कोई फैसला लेते हैं तो एलजी साहब उसे फाइलों में बंद कर देते हैं। यह निर्णय सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को वह राज्यसभा में उठाएंगे। जो जनता के लिए जवाबदेही नहीं रखता उसके अधिकारों में कमी आनी चाहिए। चुनी हुई सरकार को अधिकार मिलना चाहिए। वहीं जजों के मामले में उन्होंने कहा कि कार्यपालिका और न्यायपालिका अलग अलग क्षेत्र हैं। जजों के बीच कोई मतभेद है तो उन्हें आपस मे सुलझाना चाहिए, इसमे ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा।
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