नई दिल्ली: गरीबों तक सस्ती दवाई पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। यह कहना है स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का। बुधवार को ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा एनपीपीए (नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी) और एनपीपीए (नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचने दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास कर रही है।
फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स की उपलब्धता विषय पर आयोजित कार्यशाला में जैन ने कहा कि दवाइयों की ऊंची कीमत लोगों के लिए समस्या है। दवाइयों की खुदरा कीमत ज्यादा नहीं होनी चाहिए जबकि देखा गया है कि कुछ लोग लाभ कमाने के लिए दो हजार गुणा तक दाम बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि थोक बाजार में 10 रुपये तक मिलने वाली दवा खुदरा में अधिकतम 15 रुपये में उपलब्ध करवानी चाहिए। लेकिन वास्तव में यह दाम काफी ज्यादा मिलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही आदेश पास करने जा रही है कि सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर केवल एनएलईएम (आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची) में शामिल दवाइयां ही लिखेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि दिल्ली में रहने वाले सभी लोगों तक मुफ्त दवाइयां पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे लिए अमीर और गरीब का कोई अंतर नहीं है। दिल्लीवासी टैक्स चुकाते हैं और इनका लाभ उन्हें मिलना चाहिए। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में लोगों को 212 प्रकार के टैस्ट की सुविधा मिल रही है। इसके अलावा सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क दवाएं और मुफ्त टैस्ट की सुविधा भी मिली है।
अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करें।