नई दिल्ली : वैसे तो 69वें गणतंत्र दिवस की परेड की ऐसी बहुत सी बेहतरीन यादें है जो सदा जेहन में रहेंगी । हमेशा की तरह इस बार भी लोगों को बेसब्री से इंतजार था फ्लाई पास्ट का। करीब 8 मिनट के इस फ्लाई पास्ट ने एक बार फिर परेड देखने आए लोगों का सबसे ज्यादा रोमांचित किया। इस बार इस फ्लाई पास्ट में 38 विमानों ने हिस्सा लिया जिसने न सिर्फ भारत की ताकत का विश्व को एहसास कराया बल्कि देश के लोगों को भी बताया कि उनके वीर किसी से भी कम नहीं है। इस बार सभी फाइटर जेट ने देश की राजधानी दिल्ली से करीब साढ़े छह सौ किलोमीटर दूर से उड़ान भरी थी।
इस बार भारतीय वायुसेना ने जिन विमानों को फ्लाई पास्ट में शामिल किया उन्होंने राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर के नाल एयरबेस से उड़ान भरी। इस बार की खासियत रही पहली बार फ्लाई पास्ट में वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, रूद्र का परेड़ का हिस्सा होना। इस साल फ्लाई पास्ट में कुल 38 विमानों ने हिस्सा लिया, इनमें 21 लड़ाकू विमान, 12 हेलीकॉप्टर्स और 04 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल थे। साथ ही एक एवैक्स टोही विमान भी था। लड़ाकू विमानों में सुखोई, तेजस, जैगुआर और मिग-29 शामिल रहे। हेलीकॉप्टर्स में एमआई-17वी5, एएलएच ध्रुव और रूद्र शामिल हुए। सबसे पहले सुबह 10 बजे जोधपुर एयरबेस से निकले एवैक्स, सुखोई, ग्लोबमास्टर, ने उड़ान भरी, जिन्हें दिल्ली के आसमान में पहुंचने में 10 मिनट से भी कम समय लगा।
ठीक उसके 15 मिनट के बाद 10 बजकर 15 मिनट पर बीकानेर के नाल एयरबेस से मिग 29, तेजस, और जैगुआर फाइटर प्लेन ने उड़ान भरी। सभी विमानों के लिए दिल्ली के राजपथ के पास एक 100 फ़ीट से लेकर 10 हजार फीट तक का होल्डिंग प्वाइंट दिया गया था। जहां पर सभी विमान करीब एक घंटे तक चक्कर काटते रहे। जैसे ही 11 बजकर 21 मिनट पर विंडो मिला तभी एक के बाद एक आसमान में गर्जना करते हुए राजपथ के आसमान से गुजरना शुरू हो गए। वैसे तो परेड शुरू होने से पहले सुबह 10 बजे 5 एमआई 17 हेलीकाप्टर ने राजपथ के आसमान पर उड़ान भरी, और उसके बाद इंडिया गेट के ऊपर से गुजरा वायुसेना की शान ध्रुव हेलीकॉप्टर का एक बेड़ा। लेकिन फ्लाई पास्ट की शुरुआत हुई परेड में पहली बार शमिल हो रहे रूद्र लडाकू हैलीकाप्टर से।
ठीक 11 बजकर 22 मिनट पर जब सबसे पहले हवाओं को चीरते हुए 3 रुद्र हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हुए गुजरे। इसके ठीक 1 मिनट के बाद आकाश में गर्जना करते हुए निकले तीन ट्रांसपोर्ट विमान हरक्युलिस 130। ठीक उसके बाद अपने पीछे एक लकीर खींचते हुए दिखाई दिए एवैक्स और सुखोई। जो देखते ही देखते आंखों से ओझल हो गए। इसके बाद बारी थी 11 बजकर 25 मिनट पर राजपथ के आसमान पर छाने की ग्लोब मास्टर सी 17 की जिसके साथ थे 2 सुखोई। इसके ठीक बाद बारी आई देश मे निर्मित लड़ाकू विमान तेजस की। तीन तेजस विमानों ने जब राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी तो दर्शकों ने जोरदार तालिया बजाकर तेजस का स्वागत किया। ठीक उसके पीछे त्रिशूल का आकार बनाकर आये जैगुआर और उसके बाद सुखोई। और आखिर में साढ़े 11 बजे बारी थी मिग 29 की। इस दौरान जैगुआर और सुखोई ने हवा में कलाबाजी लगाकर परेड के आखिर में समा बांध दिया।
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