दिल्ली उच्च न्यायालय ने फोन टैपिंग का आरोप लगाने वाली तृणमूल के पूर्व नेता मुकुल रॉय की याचिका का आज निस्तारण कर दिया। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था उनके फोन कॉल को बीच में नहीं सुना गया। राज्य और केंद्र सरकार के हलफनामों को देखने के बाद न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने यह आदेश दिया।
हालांकि अदालत ने रॉय से यह भी कहा कि उन्हें अपने आरोपों के पक्ष में यदि कुछ ठोस साक्ष्य हाथ लगते हैं तो वह फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके फोन टैप करने और कथित निगरानी रखे जाने के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की थी।
रॉय ने आरोप लगाया था कि जब वह पश्चिम बंगाल में थे तब हमेशा उन्होंने पाया कि स्थानीय पुलिस उनकी आवाजाही पर नजर रख रही है। याचिका में दावा किया गया कि इसी तरह की आशंकाएं कई अन्य लोगों ने भी ऑन रिकॉर्ड जताई है। उन लोगों में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता बाबुल सुप्रियो भी शामिल है। देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ