नई दिल्ली : चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों पर लिए गए फैसले को आम आदमी पार्टी ने भाजपा की बदले की राजनीति करार दिया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग आयुक्त ए के ज्योति केंद्र सरकार को खुश करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए आप के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया है। दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता को लेकर उनके िखलाफ चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है वो केंद्र सरकार में बैठी सरकार की बदले की राजनीति से प्रेरित है।
अंग्रेजों के वक्त भी सभी पक्षों की बात सुनकर ही फैसला दिया जाता था लेकिन यहां बिना विधायकों का पक्ष सुने उनकी सदस्यता खत्म करने का फरमान सुना दिया जाता है। चुनाव आयोग ने इन 20 विधायकों को कभी उनका पक्ष सुनने के लिए बुलाया ही नहीं। 23 जून 2017 को चुनाव आयोग ने पार्टी विधायकों को चिठ्ठी भेजकर यह बताया था कि अगर जरूरत होगी तो विधायकों का पक्ष सुनने के लिए उन्हें बुलाया जाएगा। विधायक इंतजार ही करते रह गए। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाने वाले दिल्ली सरकार के 13 मार्च 2015 के ऑर्डर में यह साफ लिखा गया था कि इन संसदीय सचिवों को न कोई पैसा मिलेगा, न कोई घर या ऑफिस मिलेगा और न कोई अन्य सुविधा ही मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है जिन्हें मोटी सैलरी, बंग्ला-गाड़ी और दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं। इस बात की शिकायत राष्ट्रपति महोदय से की जा चुकी है लेकिन इन मामलों में न कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही चुनाव आयोग इस मामले की कोई सुध ले रहा है। चुनाव आयोग के द्वारा कार्रवाई सिर्फ आप विधायकों के खिलाफ ही की जा रही है।
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