नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एससी, एसटी, ओबीसी शिक्षक संगठनों ने राष्ट्रपति भवन तक भीम मार्च निकाला। दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम व संयुक्त एससी, एसटी शिक्षक मंच के नेतृत्व में मार्च निकाला गया। हालांकि मार्च निकाल रहे शिक्षकों को राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने से पुलिस बल ने रोका, जिससे पुलिस और शिक्षकों के बीच झड़प भी हुई। मार्च कर रहे शिक्षकों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी कार्यालय में सौंपा। फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन और यूनियन के संस्थापक रामकिशन पूनिया ने बताया कि हमने मांग की है कि बाबा साहब का फोटो भारतीय मुद्रा पर हो।
इसके अलावा 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर की तरह से 14 अप्रैल भी राष्ट्रीय त्यौहार के तौर पर घोषित किया जाए। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि देशभर के छात्रों को बाबा साहेब के बारे में जानना बेहद जरूरी है। ऐसे में स्कूलों और विवि में बाबा साहेब के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। मार्च के दौरान फोरम के महासचिव डॉ. केपी सिंह ने कहा कि डीयू में लंबे समय से स्थायी नियुक्ति नहीं हो रही है। इस कारण एससी, एसटी और ओबीसी का बैकलॉग भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
डीयू में वर्तमान में भी हजारों पर खाली पड़े हैं। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रोफेसर व डीन, डिप्टी डीन, डॉयरेक्टर के पदों पर आज तक आरक्षण नहीं दिया गया है। डीयू ने अब तक संसदीय समिति की रिपोर्ट और प्रो काले कमेटी की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दोनों रिपोर्ट को डीयू में लागू कराया जाए ताकि शिक्षक रिपोर्ट की सिफारिशों का लाभ ले सकें।
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