पापड़, मसाले की आड़ में सृजन घोटाला - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

पापड़, मसाले की आड़ में सृजन घोटाला

NULL

इतिहास गवाह है कि आमतौर पर शांत रहने वाला और जर्दालू आम के लिए मशहूर भागलपुर कभी-कभी भयंकर घटनाओं का सामना करता रहता है। 1980 के शुरूआती दौर में पुलिस ने कई कैदियों की आंखों में तेजाब डालकर अंधा बना दिया था। नेत्रफोड़ कांड के कारण भागलपुर चर्चित हुआ। फिर उसी 1980 के दशक के अन्त में प्रशासन की कमजोरी और मिलीभगत से कम से कम एक हजार लोग साम्प्रदायिक हिंसा में हलाक हुए। भागलपुर के दंगे पूरे देश में चर्चा का विषय बने। अब भागलपुर में घटित सरकारी खजाने की लूट में प्रशासन की सक्रिय भूमिका सामने आ चुकी है। सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार के शासन में सृजन घोटाला सामने आ चुका है। अब यह घोटाला एक हजार करोड़ का बताया जा रहा है।

इस घोटाले में कई राजनीतिज्ञ, आईएएस अफसर, बैंक अधिकारी, कर्मचारी, समाज के तथाकथित सम्भ्रांत नागरिक और बिल्डर शामिल हैं। भागलपुर का सरकारी खजाना लूटकांड मुख्यमंत्री नीतीशकुमार के सुशासन पर एक बड़े दाग की तरह उभर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को दण्डित करने की बात कही है। वे कहते रहे हैं कि मैं न किसी को फंसाता हूं और न ही कभी किसी को बचाता हूं, फिर भी यह घोटाला उनकी कथनी और करनी की कसौटी पर काम करेगा। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड घोटाला किसी मायावी राक्षस की तरह अपना आकार बढ़ाता ही जा रहा है। जनता के पैसे की बंदरबांट पिछले 11 वर्षों से की जा रही थी। 8 कलैक्टरों के नाम भी इसमें चर्चित हो रहे हैं।

कांग्रेस, भाजपा, जनता दल (यू) और रालोसपा के नेताओं ने घोटाले से कमाई की। बड़े आकाओं के दुमछल्लों ने भी कमाई की। यानी चोर-चोर मौसेरे भाई। सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने इन नेताओं की घोटाले में संलिप्तता के सबूत एकत्र कर लिए हैं लेकिन ऊपर के निर्देशों का इंतजार है। अब तक इस मामले में जिलाधिकारी के स्टैनो सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। सृजन एक गैर सरकारी संस्था है, जो जिले में महिलाओं के विकास के लिए कार्य करती थी। असल में इस संस्था का मुख्य धंधा करोड़ों का गोरखधंधा था। इस संस्था ने पिछले कई वर्षों से बैंकों की मिलीभगत से सरकारी जमा खातों से लगभग 300 करोड़ से ज्यादा की अवैध निकासी की। महिलाओं को सशक्त और रोजगार प्रदान करने के लिए इस संस्था के द्वारा पापड़, मसाले, साडिय़ां और हैण्डलूम के कपड़े बनवाए जाते थे। मसाले और पापड़ सृजन ब्राण्ड से बाजार में बेचे जाते थे।

पापड़ और मसाले बनाने का धंधा तो केवल दुनिया को दिखाने के लिए था, जो धन सरकारी खजाने से निकाला गया, उस धन को बाजार में निवेश किया गया। साथ ही रियल एस्टेट में भी लगाया गया। इन पैसों से लोगों को 16 फीसदी ब्याज दर पर ऋण भी मुहैया कराया गया। जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से राशि सृजन के अकाउंट में जमा करा दी जाती थी। सृजन की संस्थापक मनोरमा देवी थी। मनोरमा देवी इस धंधे की मास्टरमाइंड बनाई जाती है। उसकी मौत इसी साल फरवरी में हो चुकी है। सृजन घोटाले की परतें खुलते ही शहर के कई बिजनेसमैन, जिन्होंने मनोरमा देवी के साथ मिलकर घोटालेबाजी की, सभी शहर से भाग खड़े हुए। घोटालों को दबाने के प्रयास हमेशा से ही होते रहे हैं। भागलपुर के तिलका मांझी पुलिस थाने के अफसर इन्चार्ज विजय कुमार शर्मा की हत्या कर दी गई थी।

आशंका तो यह भी व्यक्त की गई थी कि हत्या के तार सृजन घोटाले से जुड़े हो सकते हैं लेकिन प्रशासन ने इस हत्या को दुर्घटना साबित करने के हरसम्भव प्रयास किए। देशभर में अनेक ऐसे एनजीओ हैं जिनका क्रियाकलाप ही संदेह के घेरे में है। गृह मंत्रालय ने अनेक एनजीओ के खिलाफ कोई हिसाब-किताब न देने पर कार्रवाई की है। अनेक के विदेशों से फण्ड लेने पर रोक लगाई गई। दो-तीन एनजीओ तो विदेशी फण्ड का इस्तेमाल करके देश विरोधी आन्दोलनों को हवा देते रहे। जरूरत है कि सृजन घोटाले की जांच तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे और दोषियों को दण्डित किया जाए। सृजन के नाम पर पैसे का खेल खेलने वालों की उचित जगह जेल ही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।