गुरुग्राम: रेयान स्कूल के अंदर शौचालय में छात्र की हत्या जैसी संगीन अपराध होना कोई छोटी बात नहीं है। जब स्कूल के भीतर ऐसी घटना हो सकती है तो फिर स्कूल बसों में बचपन कितना सुरक्षित है, यह भी बड़ा सवाल है। बच्चों को लाना-ले जाने का काम इन्हीं कंडक्टर, ड्राइवरों का काम होता है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा कितनी पुख्ता है। जब कोई घटना घटती है तो पुलिस, प्रशासन और सरकार नई-नई गाइडलाइंस जारी करते हैं। अगर इन सब चीजों पर सामान्य तौर पर भी गौर कर लिया जाए तो ऐसी अप्रिय घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। विद्यार्थियों के साथ छेड़छाड़ की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। एक नामी स्कूल की बस में नाबालिग छात्रा के साथ अश्लील हरकतें करने के आरोप में पहले भी स्कूल बस के स्टाफ पर सवाल उठे थे। मामला काफी उछला था।
बच्चे का अंतिम संस्कार
देर रात मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी तो हो गई, स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लोग कल से ही प्रदर्शन करते रहे। रात को लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर छात्र की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। परिजनों का कहना है कि इसमें स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि स्कूल में इस तरह का हादसा होना वहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है। अपनी मांग पर अड़े परिजनों ने छात्र का पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को दाह संस्कार करने से इंकार कर दिया था लेकिन शनिवार को छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया। ऑल इंडिया पेरेंट्स फोरम फॉर एजुकेशन के बैनर तले शनिवार की सुबह एक बार फिर से अभिभावक व ग्रामीण रेयान इंटरनेशनल स्कूल के बाहर एकत्रित हुए।
बच्चें के पैरेंट्स को सता रही है चिंता
स्कूल में मासूम की हत्या के बाद अब बच्चों के पैरेंट्स भी डर रहे हैं। अभिभावकों को चिंता हो गई कि अब स्कूलों में बच्चे सुरक्षित नहीं रहे। बच्चों को पढ़ाएं तो कैसे। उनका बच्चा अगर घर से स्कूल पहुंच जाता है तो भी पैरेंट्स चिंतित रहते हैं। मासूम प्रद्युम्न की हत्या के बाद अन्य छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल के स्टाफ के सलेक्शन में स्कूल प्रशासन को सतर्कता बरतनी चाहिए। कर्मचारियों की जांच पड़ताल के बाद ही भर्ती करनी चाहिए और उनकी पुलिस से जांच करानी चाहिए।