चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सभी डेरों की जांच के आदेशों की पालन न होने के मामले में अवमानना याचिका दाखिल करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई। याचिका पर हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई से इनकार करते हुए इसे अन्य बेंच को रेफर कर दिया। मामले में हाईकोर्ट द्वारा दो वर्ष पहले दिए गए आदेशों को सही पालन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जो अवमानना याचिका दायर की गई है।
उस याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता ने सुनवाई से इंकार करते हुए यह याचिका अन्य बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस के समक्ष भेज दी गई है। डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम को दोषी करार दिए जाते ही पंचकूला सहित हरियाणा और पंजाब में हुए दंगों में हुई तोडफ़ोड़ और आगजनी और इस दौरान सरकारी और निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान को रोका जा सकता था, अगर दोनों राज्य सरकारें मई 2015 में हाईकोर्ट के उन आदेशों की पालना सही तरह से करती जिसके तहत हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के सभी डेरों की जाँच करने के आदेश दिए थे।
25 अगस्त और उसके बाद हुई हिंसा तोड़फोड़ और आगजनी सरकारी लापरवाही और हाईकोर्ट के आदेशों को लागु नहीं किये जाने के चलते हुई है। इस आरोप के साथ हाईकोर्ट में हरियाणा और पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर कर उन दोषी अधिकारीयों पर कार्यवाही की मांग की गई है। जिन्होंने ने वर्ष 2015 के हाईकोर्ट के आदेशों की पालना ही नहीं की है। इस मांग को लेकर एडवोकेट रवनीत सिंह जोशी ने शुक्रवार को हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में यह याचिका दायर की है।