जींद : जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान बनाएं गए मुकद्दमों को वापिस लेने तथा भेजे जा रहे अरैस्ट वारंटों के विरोध में जाटों ने सरकार को घुरकी दी है। यहां जाट धर्मशाला में आदर्श जाट महासभा की बैठक में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान युवाओं पर बने केस वापस लेने के लिए सरकार को 48 घंटे का समय दिया गया। यदि सरकार ने इस दौरान केस वापस नहीं लिए तो प्रदेश के 22 जिलों में आदर्श जाट महासभा धरने शुरु करेगी। पहला धरना जींद जिले के हथो गांव में शुरु किया जाएगा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पवनजीत भनवाला ने कहा कि एक तरफ तो सरकार का दावा है कि जाट आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मामले वापस ले लिए हैं, वहीं दूसरी तरफ गिरफ्तारी के लिए अरेस्ट वारंट जारी किए जा रहे हैं।
इससे पूरे जाट समाज में रोष है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगले 48 घंटों के भीतर सरकार इन अरेस्ट वारंट पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे और इन केसों को तुरंत प्रभाव से वापस ले। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो प्रदेशभर के 22 जिलों में धरने शुरु किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद सभी युवकों के मुकदमे वापस लेकर उनको तुरंत रिहा करे। प्रदेश सरकार आरक्षण के मामले पर जाटों को लगातार गुमराह कर रही है।
एक तरफ से आर्थिक आधार पर जारी आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगाने के आदेश सरकार को दिए हैं लेकिन सरकार इस आरक्षण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसको लगातार चलाया जा रहा है जबकि पांच जातियों को मिले आरक्षण को अदालत का फैसला आने के महज दो घंटे के भीतर इस पर रोक लगा दी थी, जो आज तक रद है। इस मौके पर भनवाला खाप के प्रवक्ता किताब सिंह भनवाला, दादरी से बिजेंद्र छिल्लर, गुडग़ांव से रमेश गोयत, यमुनानगर से जेएस जाटान, हिसार से सुनील जागलान, डॉ. ईश्वर सिंह श्योकंद, कैथल से हरिसिंह नरवाल, कुरुक्षेत्र से जयवीर खोखर, बिरेंद्र नाड़ा, अनिल सुदकैन ने भी अपने विचार रखे।
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– संजय शर्मा