20 वर्षीय सचिन अरुणाचल प्रदेश में शनिवार को नक्सली हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार सुबह सचिन ने आखिरी सांस ली। अरुणाचल प्रदेश के सैनिक सचिन की अपने इरादे पूरे करने से पहले ही सोमवार की रात को अरुणाचल प्रदेश में शहादत हो गई। बुधवार शाम 6 बजकर 20 मिनट पर सेना सचिन के पार्थिव शरीर को फ्लाइट से दिल्ली मुख्यालय लेकर आई। गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ शहीद सचिन का अंतिम संस्कार होगा।
शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही यहां मातम छा गया। मां सावित्री बेटे की बातें याद कर बार बार बेहोश हो रही है। वहीं, पिता सुरेंद्र शर्मा को बेटे की शहादत पर गर्व है। शहीद सचिन को पिता बार-बार शादी करने को कह रहे थे, लेकिन एक ही जवाब मिलता था कि पहले छोटी बहन अंजू व भाई साहिल को पढ़ा लिखा दूं अगर अब शादी करवा ली और मैं शहीद हो गया तो आप पर बहू की जिम्मेदारी भी बढ़ जाएगी।
बता दें कि गोयला खुर्द के सचिन शर्मा ने बापौली में बीआरएम स्कूल से बारहवीं की थी। बड़ी बहन रीतू की शादी हो चुकी है। छोटी बहन अंजू चंडीगढ़ में बीएससी कर रही है। छोटा भाई साहिल दसवीं में है। सचिन ने 12वीं के बाद आगे पढ़ने की बजाय जींद एकेडमी में भर्ती की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। नवंबर 2016 में झज्जर में हुई आर्मी की ओपन भर्ती में चयन हुआ था। 13 दिसंबर 2016 को यूपी में ट्रेनिंग शुरू की थी। अक्टूबर में ट्रेनिंग पूरी कर 15 दिन की छुट्टी घर आया था। नवंबर में पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई थी। 5 फरवरी को उसकी 15 दिन की छुट्टी भी सेंक्शन हो गई थी।
राजपुताना बटालियन की कबड्डी टीम का रेडर था
शहीद सचिन राजपुताना राइफल बटालियन की कबड्डी टीम का प्रमुख खिलाड़ी था और स्टार रेडर भी था। कई बार उसको सेना के अधिकारियों ने खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन पर सम्मानित भी किया था।
आखिरी बार मां से हुई थी बातचीत
शहीद ने आखिरी बार मां सावित्री को फोन किया था। मां ने सचिन से कहा कितना दुबला हो गया है कुछ खा पी लिया कर इस पर सचिन ने जवाब दिया था कि मां दुश्मन के लिए मैं दुबला ही बहुत हूं।
सांसद दिलवाएंगे प्रधानमंत्री राहत कोष से परिवार को मदद
शहीद के घर पहुंचे सांसद अश्विनी चोपड़ा ने कहा कि सरकार उसके परिवार के साथ है। वे प्रधानमंत्री राहत कोष से सचिन के परिवार को मदद दिलाएंगे।
पिता को बेटे की शहादत पर गर्व
गोयला खुर्द गोयला खुर्द के सुरेंद्र ने बताया कि जब मेजर ने फोन पर उन्हें कहा कि वतन पर शहीद होने वाले को हम शहीद कहते हैं। आपके बेटे सचिन शर्मा ने देश के लिए शहादत दी है। इतना सुनते ही वह समझ गया था कि सचिन अब इस दुनिया में नहीं है। मगर उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है।
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