रोहतक: प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ रहे अपराधों को लेकर महिला आयोग ने भी कडा संज्ञान लिया है और इस बारे में प्रदेश पुलिस कप्तानों को महिला संबंधी मामलों को तुंरत निपटाने के निर्देश दिए है। बडी बात तो यह है कि अप्रैल माह से लेकर तीस नवंबर 2017 तक महिला आयोग के पास 1080 शिकायते आई है, जिनमें से महिला आयोग ने 270 शिकायतों का निपटारा किया है। इसके अलावा छेडछाड, रेप, दहेज उत्पीडन सहित महिलाओं से जुडे मामलो को लेकर तुंरत कारवाई करने को कहा है। महिला आयोग ने तो इस बात पर भी मंथन किया है कि सरकारी कर्मचारी को विवाह होने के बाद अपने विभाग, बोर्ड या निगम में यह घोषणा पत्र देना होगा कि उसने विवाह में दहेज नहीं लिया।
इस बारे में आयोग सरकार से भी बातचीत करेगा और उसके बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा महिला आयोग ने प्रदेश में सरकारी कामकाजी महिलाओं की सुविधाओं को देखते हुए सभी उपायुक्तों को भी पत्र लिखा है कि जहां पर महिलाएं काम करती है, वहां पर भवनों की क्या स्थिति है। प्रदेश महिला आयोग की पहली बैठक में 22 एजेंडे रखे गए। आयोग की चेयरमैन प्रतिभा सुमन ने बताया कि तेजाब की बिक्री पर प्रतिबद्ध लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है, ताकि तेजाब से होने वाले हादसों पर रोक लग सके।
इसके अलावा तेजाब पीडित महिला को प्रतिमाह आठ हजार रूपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान है, जोकि सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी है। इसके अलावा आंतरिक शिकायत कमेटी का गठन किया गया है, ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण पर रोक लग सके। प्रतिभा सुमन ने बताया कि आयोग ने नौ विभागों और 13 विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर आंतरिक शिकायत कमेटी गठित करने का कहा है। आयोग को रिपोर्ट मिली है कि 28 शैक्षणिक संस्थाओं में यह कमेटिया गठित की गई है।
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(मनमोहन कथूरिया)