कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में देश के संविधान के बारे में विवादित बयान देने वाले बीजेपी नेता अनंत कुमार हेगड़े से संसद और देश की जनता से माफी मांगने को कहा है।
आजाद ने आज संसद के दोनों सदनों में हेगड़े के बयान पर हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित होने के बाद कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिये मंत्रियों द्वारा विवादित बयान देने की गलत परंपरा का सूत्रपात हुआ है। आजाद ने कहा कि हेगड़ अगर संसद के दोनों सदनों और देश की जनता से माफी नहीं मांगते हैं तो प्रधानमंत्री उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
आजाद ने कहा हेगड़े पहले भी बतौर सांसद विवादित बयान देते रहे हैं, शायद इसी के इनाम में उन्हें मंत्री बनाया गया। हमें उम्मीद थी कि हेगड़ मंत्री बनने के बाद ऐसे बयान नहीं देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उच्च सदन में कांग्रेस संसदीय दल के नेता आजाद ने कहा कि हेगड़ ने अपने बयान में दो बातें कहीं, पहली भाजपा का सथा में आने का मकसद देश का संविधान बदलना है, और दूसरा धर्मनिरपेक्षता में यकीन करने वालों के खुद बाप-दादाओं का पता ही नहीं है।
आजाद ने कहा कि हेगड़ के दूसरे बयान से साफ है कि वह देश संविधान में विश्वास ही नहीं करते हैं। क्योंकि धर्मनिरपेक्षता संविधान का आधार स्तंभ है जिसे संविधान की प्रस्तावना में जगह दी गयी है। उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेकर संविधान में यकीन नहीं करने वाले व्यक्ति को मंत्री पद पर रहने को कोई अधिकार नहीं है।
आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार से ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाने पर गंभीर आपथि दर्ज करा दी है। उन्होंने कहा सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिये एक दिन का समय मांगा है, देखते हैं सरकार क्या रुख अपनाती है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस का मत नहीं है बल्कि इस प्रकरण में समूचे विपक्ष का यही मत है, जिससे सभापति को अवगत करा दिया है।
तीन तलाक को प्रतिबंधित करने से जुड़े विधेयक पर कांग्रेस के रुख के सवाल पर आजाद ने कहा कि पार्टी का जो भी रुख होगा वह देशहित में होगा और इस पर कांग्रेस का रुख कल सदन में विधेयक पेश होने पर ही स्पष्ट हो जायेगा।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करे