रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति को लेकर इस्लामाबाद की तरफ से आने वाली किसी भी टिप्पणी को नई दिल्ली द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा। उनकी यह टिप्प्णी लंबित विवादों के समाधान के लिए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख द्वारा वार्ता का पक्ष लिए जाने के बाद आई है। सीतारमण ने यह भी कहा कि पवित्र रमजान महीने के दौरान जम्मू कश्मीर में कोई अभियान शुरू न करने के सरकार के फैसले का सशस्त्र बल ”पूरा सम्मान” करेंगे।
रक्षामंत्री ने एक कार्यक्रम से इतर एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ”शांति चाहने से संबंधित कोई भी टिप्पणी गंभीरता से ली जाएगी।” उनसे दोनों देशों के बीच विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किए जाने के पाकिस्तानी सेना के हालिया संकेत के बारे में पूछा गया था। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पिछले महीने कहा था कि कश्मीर सहित सभी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान दोनों देशों के बीच वार्ता के जरिए संभव होगा।
उनकी यह टिप्पणी दशकों से चली आ रही इस धारणा के बीच आई कि पाकिस्तान की सेना भारत के साथ वार्ता की पक्षधर नहीं है।पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की हालिया घटनाओं के बारे में तथा यह पूछे जाने पर कि क्या भारत रमजान के दौरान जम्मू कश्मीर में कोई अभियान शुरू न करने के अपने फैसले पर कायम रहेगा, सीतारमण ने कहा कि सशस्त्र बल केंद्र द्वारा घोषित किसी भी फैसले का पालन करेंगे।
रक्षामंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आयोजित एक सेमिनार से इतर कहा , ”हम भारत सरकार की ओर से गृह मंत्राालय द्वारा घोषित नीति का पूरा सम्मान करेंगे। नीति में यह स्पष्ट है कि इसको किस तरह लागू किया जाना है और हम घोषित हर चीज का पालन करेंगे।”
उन्होंने सेमिनार में बोलते हुए थलसेना , नौसेना और वायुसेना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोगों को शामिल करने की आवश्यकता रेखांकित की। रक्षामंत्री ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल रासायनिक , जैविक और परमाणु हथियार संबंधी पड़ताल तथा बाहरी अंतरिक्ष पर नजर रखने के लिए भी किया जाना चाहिए।
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