चारा घोटाले के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ फैसला सुनाने वाले सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह को खुद जमीन के एक मामले में न्याय का इंतजार है।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रहने वाले जज शिवपाल सिंह इन दिनों अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, ताकि उनके शेखपुर खुर्द गांव में उनकी पैतृक जमीन वापस मिल सके।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के जालौन के निवासी शिवपाल सिंह पैतृक जमीन के बीच से चक रोड निकाले जाने से बेहद परेशान हैं। उनके रिश्तेदार इस मामले में न्याय पाने के लिए अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। मगर प्रशासनिक अफसरों की उदासीनता के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। इस मामले में खुद शिवपाल सिंह भी जालौन के अफसरों से मिल चुके हैं। मगर उनकी शिकायत के बाद भी अब तक समस्या दूर नहीं हुई है।
रांची में सीबीआई के जज शिवपाल सिंह के साथ ही उनके परिवार के लोग न्याय के लिये जालौन में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। तमाम प्रयासों के वावजूद भी उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। रांची सीबीआई के जज शिवपाल सिंह मूल रूप से जनपद जालौन के गांव शेखपुर खुर्द के निवासी हैं। अपनी पैतृक जमीन के बीचों-बीच चक रोड निकल जाने से वे परेशान हैं। इस मामले में वह यहां पर आकर कई बार जालौन के आला अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं।
बता दे कि दरअसल शिवपाल सिंह के पैतृक जमीन से चक रोड निकाले जाने के मामले को लेकर में जज शिवपाल सिंह के भाई सुरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि मामला 2006 का है। उनके भाई शिवपाल एवं उनकी जमीन शेखपुर खुर्द में अराजी नंबर 15 और 17 में है। जिसके वह संक्रमणीय भूमिधर है। उनकी जमीन पर पूर्व प्रधान ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी अधिकार के चकरोड मार्ग बनवा दिया। सरकारी कागजों में चकरोड मार्ग गाटा संख्या 13 है।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे