रायपुर सूबे के गृहमंत्री राम सेवक पैकरा ने दावा किया है कि प्रदेश में नक्सलवाद खात्मे की ओर है। उन्होंने कहा कि 2003 में जब रमन सरकार ने प्रदेश में काम काज संभाला था उस दौरान उन्हें नक्सलवाद विरासत में मिला था। 2003 से पहले राज्य में नक्सलवाद की जड़ें मजबूत थीं, सरगुजा में नक्सल चरम पर था, लेकिन अब सरगुजा से नक्सलवाद का सफाया हो गया है। उन्होंने कहा बस्तर में भी नक्सलवाद खात्मे की ओर है और यहां तेजी से विकास हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा किया जाए। बस्तर के अलावा दूसरे जिलो में नक्सल धमक पर पैकरा ने कहा सर्चिंग लगातार बढ़ रही है. सुरक्षा बलों का मूवमेंट तेज हुआ है, नक्सलियों के खात्मा के लिए सरकार गंभीर है।
राम सेवक पैकरा प्रदेश में रमन सरकार के 14 साल पूरा होने पर एक प्रेसवार्ता के दौरान ये बातें कहीं। इन 14 सालों में सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए उन्होंने कहा कि 2003 की तुलना में राज्य में पुलिस बल आधा है। एक वक्त था कि थानों की स्थिति जर्जर थी, लेकिन आज थानों का बेहतर निर्माण हुआ है। पुलिस हाउसिंग बोर्ड दस हजार मकान बनाने के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की, पैकरा का दावा है कि 2022 तक प्रदेश से नक्सल समस्या का जड़ से खात्मा हो जाएगा। पुलिस के जवानों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी पर गृह मंत्री ने आत्महत्या के पीछे ड्यूटी में तनाव से इंकार किया है उन्होंने कहा कि आत्महत्या तो कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे कारणों से कर सकता है। पारिवारिक कारण हो सकते है, दूसरे भी कारण हो सकते हैं, इसे दबाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से मौत के बढ़ते आकंड़ों पर उन्होंने कहा कि पानी अच्छा है, पानी मे कोई खराबी नहीं. जो बीमार पड़ रहे हैं उनमें पुरुषों की संख्या अधिक हैं, महिलाएं नहीं है। राम सेवक पैकरा ने प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे अपराधों के पीछे विकास और औद्योगिककरण को वजह बताई है। उन्होने कहा कि जब विकास होता है, औद्योगिककरण बढ़ता है, दूसरे राज्यों से लोग आते जाते है तो अपराध बढ़ता है। लेकिन अपराध पर अंकुश लगाने पुलिस गंभीरता से काम कर रही है।