इंदौर: थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि विद्यार्थियों को इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिये कि हमेशा देश सबसे पहले आता है। उन्होंने शहर के प्रतिष्ठित स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि आप (विद्यार्थी) देश का भविष्य हो। आपको याद रखना चाहिए कि हमेशा देश सबसे पहले आता है। बाकी सब बातें इसके बाद आती हैं।
जनरल रावत ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे समाज की बेहतरी में योगदान दें और वंचित वर्ग के उन बच्चों के हितों में काम करें जिन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नसीब नहीं है। उन्होंने वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज कुमार पांडे की शहादत की वीरतापूर्ण कहानियां सुनायी और भरोसा जताया कि कई प्रतिभाशाली विद्यार्थी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करेंगे।
सेना प्रमुख ने यादों के गलियारे में कदम रखते हुए कहा कि मेरे स्कूल के दिनों में केवल एक या दो टीवी चैनल हुआ करते थे। उस जमाने में मोबाइल फोन नहीं था और इंटरनेट की सुविधा चंद लोगों को प्राप्त थी। लेकिन अब संचार के आधुनिक साधनों के कारण स्कूलों का परिदृश्य काफी बदल गया है।
उन्होंने विद्यार्थियों को हमेशा बड़ी सोच और ऊंचा लक्ष्य रखने की सीख देते हुए कहा कि उन्हें असफलताओं से कभी निराश नहीं होना चाहिये। थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सफलता स्थायी नहीं होती। सफलता तब तक ही आपके पास आती है, जब तक आप कड़ी मेहनत करते हैं।
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