नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज प्रौद्योगिकी के माध्यम से टिकाऊ एवं समावेशी विकास विकास की जरूरत को रेखांकित करते हुये कहा कि नवाचार पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिये।
श्री मुखर्जी ने यहाँ विज्ञान भवन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास पुरस्कारों के वितरण के बाद कहा नवाचार पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिये। प्रौद्योगिकी में सर्वश्रेष्ठता की होड़ में। ..नैसर्गिक पर्यावरण की रक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिये।Þ उन्होंने कहा कि सतत एवं समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल समय की जरूरत है और इस जगह वैज्ञानिक, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, उद्योग एवं नवाचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। रोजगार सृजन और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें यह विचार करने की आवश्यकता है कि कहीं प्रौद्योगिकी का लाभ चुनिंदा सेक्टरों तक सीमति तो नहीं है। ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने की जरूरत पर बल देते हुये उन्होंने इन क्षेत्रों में क्रांतिकारी नवाचार का आह्वान किया। उन्होंने भारत को ताकतवर वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निजी एवं सरकारी क्षेत्रों को मिलकर काम करने की सलाह दी।
– वार्ता