इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic voting machine) के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे हैक नहीं किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने कहा कि भारत में जिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। वह अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड से भी अच्छी हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि इन देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर करती है। जबकि भारत मे यह पूरी तरह से आंतरिक प्लेटफार्म पर काम करती है। इनसे छेड़छाड़ संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की समय-समय पर जांच होती रहती है और हर बार इस्तेमाल से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की टेस्ट प्रक्रिया को जांचा जाता है।
चुनाव आयोग ने इस शपथपत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की समय-समय पर जांच की जाती है। और किसी भी चुनाव में इस्तेमाल से पहले इन मशीनों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से की जाती है। चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव उन मशीनों के माध्यम से कराए जाएंगे जो वेरिफिकेशन के लिए वोटर को रसीद उपलब्ध कराते हैं। इन मशीनों को VVPAT EVM कहा जाता है।
चुनाव आयोग ने कि अभी तक कोई ऐसा सबूत भी नहीं आया जिससे साबित किया जा सके कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के हलफनामे पर अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ़्ते का वक्त मांगा है। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी।