रायपुर : छत्तीसगढ़ में पतंजलि फूड पार्क की स्थापना के लिए सरकार की घोषणा और एमओयू के बाद फिर विरोध शुरू हो गया है। राजनांदगांव जिले में पतांजली के लिए प्रस्तावित किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के फैसले पर बवाल मच गया है। वहीं क्षेत्र के किसान भी सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर गए हैं।
वहीं साफ तौर पर ऐलान कर दिया कि पतंजलि उद्योग के लिए वे अपनी जमीन कतई नहीं देगे। किसानों के सड़कों पर उतरने के बाद सरकार भी सकते में हैं। पतंजलि फूड पार्क के लिए राजनांदगांव जिले के करीब 170 किसानों की ढाई सौ एकड़ जमीन दायरे में आ रही है। सरकार के इस एमओयू को पतंजलि ग्रुप को फायदा पहुंचाने के भी आरोप किसानों ने लगाए हैं।
इस मामले में फिलहाला सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रस्तावित क्षेत्र के किसानों ने जिला कलेक्टर को बाकायादा लिखित आवेदन देकर अपनी जमीन देने से इंकार कर दिया है। वहीं जबरिया जमीन छीनने की स्थिति में भी आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दे दी है। किसानों के सख्त रवैये के बाद सरकार की ओर से अंंदरूनी कवायदों ने जोर पकड़ा हुआ है। इधर प्रशासनिक अफसर इस मामले में जरूर किसानों को मना लेने के दावे कर रहे हैं।
वहीं साफ कर दिया है कि जिस किसान की जमीन ली जाएगी, उसके परिवार से एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा। दरअसल, प्रस्तावति क्षेत्र में ज्यादातर किसानों को इसी जमीन का सहारा है। इस जमीन में ही खेती कर वे वर्षों से जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार की ओर से पतंजलि उद्योग के लिए जमीन छीनने के बाद उनका यह सहारा भी छीन जाएगा। वहीं इस क्षेत्र के किसान पूरी तरह भूमिहीन हो जाएंगे। किसानों के कड़े विरोध के बाद प्रशासनिक महकमें में हड़कंप की स्थिति बन गई है। वहीं किसानों को मनाने में भी अफसरों को दोहरी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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