भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में चार ‘पी’ यानि पैसा, प्रचार, प्रपंच और पाखंड की सरकार है। श्री सिंह विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां सरकार पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। प्रचार, प्रपंच और पाखंड करते हुए इस सरकार ने 14 साल में प्रदेश को आज भी बीमारू बना रखा है। यह ‘आयोजन (इवेंट) की सरकार’ है, जो अपनी ब्राडिंग के लिए तरह-तरह के उपक्रम करती रहती है।
श्री सिंह ने कहा कि 14 साल से यह सरकार है, लेकिन शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, शिक्षा, बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति, मानव विकास, कानून व्यवस्था में मध्यप्रदेश की स्थिति बदतर है। राष्ट्रीय शिशु मृत्यु दर 37 थी लेकिन प्रदेश में यह 50 रही। मातृ मृत्यु दर भी 221 थी, जबकि राष्ट्रीय दर 167 थी। प्रदेश आज भी कुपोषण के मामले में देश में अव्वल है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में 10 हजार स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी अध्यापक नहीं है। 18 हजार स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
प्रदेश में एक करोड़ 41 लाख युवा हैं, पिछले दो साल में बेरोजगारी में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या दिसंबर 2017 में 23 लाख थी। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्यप्रदेश देश के प्रमुख 19 राज्यों के विकास सूचकांक में सबसे पीछे है।
नीति आयोग के एक सदस्य का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़कों के मामलों में अन्य राज्यों से पिछड़ है। आंगनबाड़ केन्द्रों में बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कृषि विकास दर बढ़ रही है, कृषिकर्मण अवार्ड मिल रहे है, तब सवाल यह है कि किसान आत्महत्या क्यों कर रहा है। सरकार ने किसानों की मूल समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
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