देश में नए राष्ट्रपति चुनने के लिए राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग शुरू हो गई है। देश की संसद समेत सभी विधानसभा में वोटिंग की जा रही है। सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच वोट डाले जाएंगे और चुनाव नतीजे 20 जुलाई को आएंगे। मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है। वोटिंग शुरू होते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ किया है कि यह पहली बार है कि सत्ता और विपक्ष की ओर से दलित उम्मीदवार मैदान में उतारा गया है।
जीत या हार किसी की भी हो लेकिन राष्ट्रपति दलित ही होगा। उन्होंने कहा कि यह देन बाबा साहेब अंबेडकर की है, माननीय कांशीराम जी की है और बहुजन समाज पार्टी की है। उन्होंने कहा कि इन दोनों उम्मीदवारों में कोई जीते, उन्हें खुशी होगी। मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी दलितों की पार्टी समझी जाती है और उनका आधार वोट बैंक भी दलित ही माने जाते हैं। ऐसे में मायावती के लिए किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ खुलकर बोलना आसान नहीं है। इसलिए वोटिंग से पहले जब मायावती से पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि दोनों दलित वर्ग से हैं और जो भी जितेगा, खुशी होगी।
बता दें कि मायावती की पार्टी बसपा के लोकसभा में कोई सांसद नहीं हैं, वहीं यूपी में बसपा के 19 विधायक हैं। हालांकि बसपा की ओर से राज्यसभा में 6 सासंद हैं। मायावती ने कहा, “इस बार दोनों तरफ से एनडीए और यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए दलित को मैदान में उतारा है, ये पहला मौका है जब दोनों तरफ से दलित उम्मीदवार हैं। चुनाव में हार जीत होती है। खुशी की बात है कि दोनों में से कोई जीते, दलित वर्ग का आदमी देश का राष्ट्रपति बनेगा। ये हमारी पार्टी और मूमेंट के लिए बहुत अच्छी बात है।”