शीर्ष खुफिया अधिकारियों के मुताबिक घाटी में गड़बड़ी को प्रायोजित करने वालों की जांच में तेजी लाई गई है। ऐसी स्थिति हुर्रियत को पाकिस्तान से होने वाली फंडिंग पर इंडिया टुडे नेटवर्क के आंखें खोल देने वाले खुलासे के बाद बनी है। 7 अलगाववादी नेताओं को हाल में गिरफ्तार किया गया है। अब रडार पर ऐसे कारोबारी हैं जो आईएसआई की शह पर अलगाववादियों और आतंकियों के लिए फंड जुटाने में लगे हैं।
टॉप खुफिया अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने वालों के कथित फाइनेंसरों की लिस्ट में टॉप नाम जहूर वटाली का है। वटाली श्रीनगर स्थित कारोबारी है। कश्मीर की हाई सोसायटी में रसूख रखने वाला वटाली श्रीनगर में बागात बरजला का रहने वाला है। वटाली को पार्टी लाइन से हटकर सभी सियासी नेताओं से नजदीकी रखने के लिए जाना जाता है। इन नेताओं का संबंध सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से है। वटाली के कारोबारी साम्राज्य की जड़ें कश्मीर से यूएई, यूरोप तक फैली हैं। रीयल एस्टेट, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वटाली का खासा दखल है।
खुफिया अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्हें वटाली की कंपनियों पर शक है कि ये मनी लॉन्ड़्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग के लिए मुखौटे के तौर पर काम कर रही हैं। शीर्ष सूत्र के मुताबिक- ‘वटाली को हुर्रियत का मनी बैग समझा जाता है।’ वटाली के सभी वित्तीय लेनदेन जांच के रडार पर हैं। वटाली ने 2004-05 में नई दिल्ली में एक अग्रणी बैंक में एनआरआई खाता मेंटेन किया था जबकि इसके लिए उसने विदेश में 180 दिन रहने की अनिवार्य शर्त पूरी नहीं की थी।
सूत्रों के मुताबिक महीनों तक वटाली के नई दिल्ली स्थित खाते में दुबई से हर महीने 2 लाख से 2.60 लाख रुपए तक की रकम आती रही। इस FCNRE खाते का नंबर था- 094-219xx7-007। खुफिया अधिकारियों ने बताया कि वटाली यूएई के RAK बैंक में भी खाता था, जहां से उसने 2011 में मार्च से दिसंबर तक 53.60 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इंडिया टुडे की पहुंच में ऐसे दस्तावेज हैं जिनसे पता चलता है कि रकम वटाली के श्रीनगर स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की एयर कार्गो शाखा में वटाली के खाता नंबर 02520xx200000505 में जमा हुई थी।खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन रकम का मूल स्रोत क्या था, ये रहस्य बना हुआ है।
खुफिया अधिकारियों ने पता लगाया है कि वटाली ने कभी अपनी सालाना रिटर्न्स में इन रकम का उल्लेख नहीं किया। इसके अलावा उस दौरान की वटाली की बैंक स्टेटमेंट्स में उसके जम्मू-कश्मीर बैंक स्थित खाते से बड़ी रकम दूसरे खातों में जाने का भी पता चलता है। ये रकम वटाली की कंस्ट्रक्शन कंपनियों, उसकी पत्नी सरवा बेगम और जम्मू स्थित एक मेडिकल कॉलेज को गई। इंडिया टुडे की ओर से हुर्रियत के पाकिस्तान से जुड़े तारों को हाल में बेनकाब किए जाने के बाद नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने कश्मीर और दिल्ली में जिन ठिकानों पर छापे मारे, उनमें वटाली की संपत्तियां भी शामिल हैं। जांचकर्ता अब वटाली से आईएसआई से उसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ कर रहे हैं।
खुफिया अधिकारियों के मुताबिक वटाली का खुराफाती आईएसआई से जुड़े जिन लोगों से दोस्ताना रहा है उनमें ब्रिगेडियर मीर हाफिज सोहेल, ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जावीद अजीज खान और मेजर जनरल (रिटायर्ड) राशिद कुरैशी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि वटाली के तार पीओके के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- सरदार अटक अहमद खान और सुल्तान महमूद चौधरी से भी जुड़े हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक वटाली के पुलिस रिकॉर्ड की बात की जाए तो पता चलता है कि उसे 1990 में पहली बार कथित तौर पर कश्मीरी चरमपंथियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 1994 में उसे फिर हिरासत में लिया गया।
किसी वक्त अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के कार ड्राइवर रह चुके वटाली के लिए समझा जाता है कि उसने आईएसआई में गहरी पैठ बना रखी है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि NIA वटाली के स्थानीय और विदेशी। सभी तरह के लेनदेनों को बारीकी से खंगाल रही है। इंडिया टुडे ने श्रीनगर स्थित वटाली के ठिकानों पर जाकर उससे संपर्क की कोशिश की थी, लेकिन वटाली सामने नहीं आया था।